पाटन.राज्य सरकार की ओर से कुपोषण दूर करने के लिए जिले में चलाए जा रहे समुदाय आधारित अतिगंभीर कुपोषण प्रबंधन कार्यक्रम के बेहतर परिणाम मिलने लगे हैं। कभी दुबले, पतले और कमजोर नजर आने वाले बच्चे अब हष्ट पुष्ट हो रहे हैं।
पाटन ब्लॉक के ग्राम पंचायत रूही के एक कुपोषित बच्चा जिसका वजन और खून बहुत कम था। बच्चे के माता पिता गरीब परिवार से है । उन्हें शासन की योजनाओं के बारे में किसी तरह से सही जानकारी नहीं था। गांव के सरपंच ईश्वरी सिंगौर और पूर्व सरपंच सुरेश सिंगौर को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुरैया कुर्रे ने बतलाया की हमारे गाँव के एक बच्चा गंभीर रूप से कुपोषित है। उनके माता पिता को समझाइस के बाद भी बच्चे का सही देखरेख नहीं कर पा रहे है। उसके बाद पूर्व सरपंच सुरेश सिंगौर ने बच्चे के माता पिता को काफी समझाने के बाद पोषण पुनर्वास केंद्र भेजने को तैयार हुए। श्री सिंगौर बच्चे को अपने स्वयं के खर्च में दुर्ग जिला चिकित्सालय लेकर गए।
जहाँ पर बच्चे की देखरेख के बाद अब बच्चा का वजन 9.53 किलो ग्राम ऊंचाई 75 सेमी और हीमोग्लोबीन 9 प्रतिशत है। बच्चे की स्थिति पहले से काफी सुधार हुआ है। जिस स्थिति में बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया गया था उस उसकी स्थिति काफी नाजुक था।
महिला बाल विकास परियोजना जामगांव(एम) द्वारा कुपोषित बच्चों के ऊपर विशेष रूप से देखभाल से अब बच्चे की हालत सामान्य है।
सरपंच ईश्वरी सुरेश सिंगौर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कुपोषित बच्चों के पोषण के लिये चलाये जा रहे अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ के लिये सराहनीय कदम उठाया है। बच्चे देश के भविष्य है उनका सही पालन पोषण हम सभी पालको की जवाबदेही है। महिला बाल विकास जामगांव(एम) परियोजना अधिकारी जितेंद्र साव, प्रभारी सविता टंडन सहित सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता , पर्वेक्षक कुपोशीत बच्चो को चिन्हाकित कर उन्हें कुपोषण के शिकार होने से बचाने का हर संभव प्रयास कर रहे है।