स्कूली बच्चों ने जाना पत्र लेखन का महत्त्व

पाटन. शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बठेना, पाटन में पत्र लेखन के महत्व बताते हुए स्कूली बच्चों को  बधाई पत्र लिखने प्रेरित करने का एक प्रयास किया गया । शिक्षक नरोत्तम साहू द्वारा बच्चों को औपचारिक एवं अनौपचारिक पत्र लेखन की जानकारी दी गई । आधुनिक युग मे जहां मोबाइल में एसएमएस , चैट , काल एवं वीडियो कॉल की सुविधा रहते हुए भी लोगो मे आपस मे अपनापन नही दिखाई देता ।  पत्र लेखन का एक अलग ही महत्व रहता है , आज भी पत्र प्राप्ति की खुशी का अंदाज़ा पत्र प्राप्त करने वाला ही लगा सकता है । आदिकाल से पत्र लेखन की परंपरा रही है जो कि आधुनिकता में विलुप्त होती जा रही है । मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण 2019 ‘ज्ञानदीप’ से अलंकृत नवाचारी शिक्षक श्री साहू ने  पत्र लेखन के साथ साथ पोस्ट-कार्ड  की उपयोगिता, डाकिया के कार्य एवं डाकघर के कार्यप्रणाली से भी बच्चों को अवगत कराया । इसके अंतर्गत बाल केबिनेट को सक्रिय करते हुए शिक्षक द्वारा स्वयं के व्यय से पोस्टकार्ड की व्यवस्था की गई तथा बच्चों को पत्र लेखन की जानकारी दी गई। बच्चे भी कलात्मक ढंग से अपने उत्सुकता को पोस्टकार्ड में प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री , जिला शिक्षाधिकारी दुर्ग, विकासखंड शिक्षाधिकारी पाटन के नाम नव वर्ष का बधाई संदेश भेजे । बच्चों के लेखन कौशल के विकास के लिए इस प्रकार के प्रयास होना चाहिए । वर्तमान में परीक्षा प्रणाली में थोड़ा बदलाव आया है जिसमे राज्यस्तरीय आंकलन के माध्यम से बच्चों के लर्निंग आउटकम पर फोकस किया जाता है ऐसे में बच्चों के सीखने लिए यह प्रयास  कारगर हो सकता है ।

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