रानीतराई ।ग्राम पंचायत असोगा मे डॉ. भीमराव अम्बेक्टर की 135 वा जयंती मनाई गई. जिसमे अम्बेक्टर जी की जीवनी पर प्रकाश डाला गया। बताया गया की डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय समाज के एक ऐसे महान चिंतक, संविधान निर्माता और दलित समुदाय के लोकप्रिय नेता थे, जिन्होंने जीवनभर समाज से छुआछूत और जातिवादी मतभेदों को मिटाते हुए सभी के लिए समान अधिकारों की पैरवी की। उन्होंने न केवल भारतीय संविधान को आकार दिया, बल्कि समाज में व्याप्त असमानता और अन्याय के खिलाफ भी सदैव प्रखरता से आवाज उठाई। आज भी उनका संघर्षशाली जीवन और उनके विचार हर भारतीय को प्रेरित करते हैं। उनके विचारों ने भारतीय जनमानस की चेतना जागकर, समाज को नई दिशा देने में मुख्य भूमिका निभाई। भारत में सभी के लिए एक समान अधिकारों और एकजुट भारत की नींव रखने में उनके विचारों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस कार्यक्रम मे मुख्य अथिति के रूप मे पत्रकार टिकेंद्र वर्मा उपस्थित थे। विशेष अथिति के रूप मे जनपद सदस्य रश्मि भेदप्रकाश वर्मा,पत्रकार गुरु देव देवांगन, सरपंच जानकी चोपड़िया उपस्थित थे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुवे पूर्व जनपद सदस्य शीतकरण महिलवार ने कँहा की बाबासाहेब हमारे भारत देश मे जन्म लिए और अपने संघर्ष से हम लोगो को आज एक जगह बैठने का अधिकार दिया, अपने अधिकार के लिए लड़ने का साहस दिये, सभी को अपने हक़ की लड़ाई लड़ने अपनी बात को रखने जैसे अधिकार प्रदान किये।वोट डालने का अधिकार बाबा साहेब का ही देन हैं नहीं तो पहले राजा रानी के बेटे ही राजा कहलाते थे लेकिन बाबा साहेब के देन हैं जो आज कोई भी व्यक्ति लोगो के मत से राजा बन सकता हैं।अनुसूचित जाति, अनिसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग सहित महिलाओं को अधिकार दिलाने मे बाबासाहेब का महत्वपूर्ण भूमिका रहा। सरपंच जानकी चोपड़िया ने कहाँ की डॉक्टर भीमराव अम्बेक्टर के माता पिता के पास खर्च के लिए पैसा नहीं थे जिससे की पढ़ाई करने मे दिक्क़ते होती थी लेकिन लेकिन संघर्ष कर पढ़ाई किये।विद्या के क्षेत्र के 64 विषय के मास्टर, 32 डिग्री, 9 भाषा का ज्ञान रखने वाले थे।दलित को उठाने का प्रयास किया गया साथ ही महिलाओ को आगे लाने का कार्य किये व अधिकार दिये, जिसके फलस्वरूप आज महिलाये सभी क्षेत्र मे कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही हैं।। बाबा साहेब को उनके कार्यों के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। वे देश के पहले कानून मंत्री भी थे। शिक्षक खिलावन चोपड़िया ने कँहा की आज अपने बच्चों को आज इतिहास को पड़ना चाहिए, सविधान के बारे मे पढ़ने के लिए प्रेरित करने की जरुरत हैं ताकि बच्चे अपने अधिकार जाने वा संस्कारवान बने। आगे बातया की डॉक्टर भीमराव अम्बेक्टर की जयंती भारत देश के साथ साथ करीब 135 देशो मे मनाया जाता हैं.बाबासाहेब ने तीन मंत्र दिए हैं – शिक्षित बनो, संघर्ष करो और संगठित रहो, जिससे की व्यक्ति अपने लक्ष्य की ऊचाई पर पहुँच सकता हैं।इसी कड़ी मे सुखराम जांगड़े सहित अन्य लोगो ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुवे बाबा साहेब की जीवनी का बखान किये।वही पत्रकारों सहित वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान किया गया इस अवसर पर शीतकरण महिलवार,सुखराम जांगड़े,तालेश्वर साहू, खगेश कुमार महिलवार, नेतराम टंडन, उमा जोशी,घनाराम टंडनभुनेश्वरी साहू, सतीश वर्मा, सीताराम ठाकुर,शत्रुहन वर्मा, रामाराम साहू,द्रोपती साहू सहित पंच गण व ग्रामीण उपस्थित थे।
64 विषय के मास्टर,32 डिग्री एवं 9 भाषा का ज्ञान रखते डॉ. भीम राव अम्बेडकर-जानकी चोपड़िया
