खबर हेमंत तिवारी
राजिम, छुरा/कलेक्टर से आम लोग उम्मीद लेकर जाते है ।ताकि उनकी समस्याएं सुनकर उसका निदान हो। जिससे जिला प्रशासन के प्रति लोगों में भरोसा बना रहे । पर इस बार यह 15 लोगो के खिलाफ नामजद शिकायत के बाद भी 1 साल 3 दिन बीत जाने जाने के बाद भी गरियाबंद जिला कलेक्टर अपने ही सरकारी खजाने को लूटने वालों पे कारवाही नहीं कर पा रहे हो।तो इससे बड़ी क्या विडंबना होगी । ऐसे में इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है। कि जिले में कलेक्टर के नाम सैकड़ों शिकायत और मांग का आवेदन मिलता होगा पर इस आवेदन में जिसमें अब तक कोई कार्यवाही नही हुई है ऐसा ही एक आवेदन बीते लगभग 1साल 3 दिन पहले।14 मार्च 2024 शिकायत कर्ताओं द्वारा लगाया गया था जिसमें सरकारी पैसे की वसूली के लिए सरकार के नुमाइंदे को आवेदन किया गया था।पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुआ है ।जिसकी वजह से यह कलेक्टर से शिकायत फ्लॉप साबित हो रहा है ।बता दे की आदिवासी आयुक्त विभाग के द्वारा अंतर जाति विवाह प्रोत्साहन राशि योजना में जिले के 15 जोड़ों की नामजद शिकायत किया गया था। इन लोगो ने अपने ही बीवियों से दोबारा शादी कर लगभग 37 लाख रुपए से अधिक राशि गबन की है ।जिसमे विभाग का एक बाबू भी शामिल हैं।या कहा जाए यही मास्टर माइंड है।इसकी शिकायत शिकायतकर्ताओं ने कलेक्टर जन दर्शन में पूरी पड़ताल के बाद किया था । पर शिकायत के बाद भी कागजी घोड़ा दौडाकर खाना पूर्ति करते जिला प्रशासन गरियाबंद के अधिकारी आरोपियों को बचाने में लगा है ।और सरकारी खजाने को लूटने वाले से राजस्व वसूलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। जबकि उस समय इन 15 शादी शुदा जोड़े पर कार्रवाई के लिए अपर कलेक्टर ने राजिम थाना को भी लिखा था पर आज तक थाना में एफ आई आर दर्ज नहीं हुआ है ।न ही कोई कार्यवाही इस हिसाब से देखा जाए तो कलेक्टर और आदिवासी आयुक्त में हुए शिकायत और कार्रवाई को लेकर अब जिला प्रशासन से उम्मीद करना बेमानी साबित हो रहा है इसलिए अब शिकायतकर्ताओं ने शासन की राजस्व की वसूली और कार्यवाही के लिए अब न्यायालय की शरण में जाने की सोच रहे हैं । बता दे की सूचना के अधिकार के तहत 2023 में यह पूरी जानकारी निकाल ली गई थी और जब इस मामले में विवाहित जोड़ों से जाकर पड़ताल किया तो उन्होंने अपनी दूसरी शादी आर्य समाज मंदिर राजिम और रायपुर में पैसों के लिए करने की बात कहीं और अपने बच्चों से भी मिलवाए थे। जो दूसरी शादी के पहले के थे ।साथ ही इन्होंने आदिवासी आयुक्त कार्यालय में पदस्थ राजस्व शाखा के बाबू और एक दलाल के साथ मिलकर या राशि में गड़बड़ी करने के बात भी स्वीकारी थी जिसका उल्लेख शिकायत पत्र में कलेक्टर से किया गया था ।इस मामले में जांच कमेटी भी बनाई गई तहसीलदार के माध्यम से पटवारी से जांच कराई गई। कुछ जगह पता चला है कि जांच में भी गड़बड़ी किया गया था और सही जांच नहीं किए हैं ।और इसी जांच प्रतिवेदन और कार्यवाही को लेकर सूचना के अधिकार के तहत जन सूचना अधिकारी संयुक्त कलेक्टर गरियाबंद में 2 दिसंबर 2024 में सूचना का अधिकार लगाया गया पर जिले में सूचना का अधिकार के तहत भी कलेक्टर कार्यालय से आज तक कोई पत्राचार भी नहीं किया गया न तो यह जानकारी जन सूचना अधिकारी नहीं दे रहा है ।ना हीं प्रथम अपीलीय अधिकारी ने सुनवाई की अब द्वितीय अपीलीय अधिकारी को आवेदन किया गया है।पर कारवाही की उम्मीद यहां से बेकार है।इस तरह अधिकारियों के मिली भगत से शासन को लगे 37 लाख के चुना को वसूलने का मन ही नहीं है इस इस तरह अपने बीवियों से दोबारा शादी कर जिले के 15 जोड़ों ने लाखों की राजस्व की हानी की है । अंतर जाति विवाह प्रोत्साहन राशि योजना अस्पृश्यता उन्मूलन के लिए अंतर्गत समाज में व्याप्त अस्पृश्यता एवं दुर्भावना से बचने के लिए यह प्रोत्साहन राशि दी जाती है पर यह योजना की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है ।इसलिए यह मुहावरा यहां सटीक बैठता है। लंद ,फंद जिला गरियाबंद ,,जिला में होना कोई नहीं बात नहीं है । तो इस मामले को लेकर कुछ दिनों से सोशल मीडिया में कुछ खबरें चल रही है असल में यह पूरी जानकारी और उसके पूरे दस्तावेज किसी एक व्यक्ति के पास है पर वाहवाही लूटने में कोई दूसरा व्यक्ति कसर नहीं छोड़ रहा है।अधूरी जानकारी के सहारे कार्यवाही की बात कह रहे है। इसमें कुल 15 शादी शुदा जोड़े ने यह कारनामा किया है। और सोशल मीडिया में 12 जोड़े को दोषी बताया जा रहा है इस प्रकार इस मामले में पड़ताल किया जाए तो जिले लगभग 20 से 25 ऐसे और जोड़े हैं जिन्होंने दोबारा शादी कर या प्रोत्साहन राशि को हड़प लिए हैं। नियमानुसार इसने राजस्व की वसूली होगी या फिर 3 साल की सजा का प्रावधान है। पर इन दोनों में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। न इसकी जानकारी जिला प्रशासन दे रहा है।