शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजिम में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

राजिम “शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजिम में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर स्त्री शिक्षा पर आवाज उठाने वाली वीरांगना अहिल्याबाई होलकर की तृतीय जन्म शताब्दी के अवसर पर अभिवादन समारोह का आयोजन किया गया।

जिसमें मुख्य वक्ता संस्था प्रमुख डॉ सविता मिश्रा रही। उन्होंने अपने उद्बोधन में नारी के देवी स्वरूप तथा शक्ति स्वरूप का वर्णन करते हुए या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्ते नमो नमः श्लोक से अपना उद्बोधन प्रारंभ किया ।उन्होंने कहा कि स्त्री और पुरुष एक ही रथ के दो पहिए हैं बिना पुरुष के स्त्री पूर्ण नहीं होती उन दोनों से ही सृष्टि का नित्य विकास होता रहा है तथापि भारतीय इतिहास में नजर डालें तो मध्यकालीन इतिहास में महिलाओं की स्थिति बद्तर हो गई थी। उस काल में कु प्रथाएं जन्म ले ली थी जिसमें पर्दा प्रथा सती प्रथा बाल विवाह आदि विकराल रूप से समाहित थी। तथापि पद्मावती जैसे वीरांगना जो मुगलो के हाथों में न आकर जौहर करना अपना हित समझा।

उसके बाद गुलामी के दौरान अंग्रेज शासन में कुप्रथाओं को दूर करने बहुत सारे सुधारो का कार्य किया गया। स्त्री स्वतंत्रता की बात सर्वप्रथम 18वीं शताब्दी में फ्रांस की क्रांति से शुरू हुई तथा आधिकारिक रूप से 1909 में तथा 1975में संयुक्त राष्ट्र द्वारा महिला दिवस नारी जाति के उत्थान के लिए मनाया जाने लगा । महिलाओं को सशक्त बनाने में भारतीय विचारक तथा समाज सुधारक और अन्य देश भक्तों का भी योगदान रहा जैसे राजा राममोहन राय दयानंद सरस्वती । सावित्रीबाई फुले अहिल्याबाई होलकर जैसी महिलाओ की क्षमता उत्पादन की क्षमता सर्वाधिक है उस समाज में विकृति की बात जोड़ी गई ,उसको दूर करते हुए हम उनकी बाध्यताएं समझ सके। समर्पण की उसकी परम स्थिति को तिरोहित नहीं कर सकते । इसी प्रकार छत्तीसगढ़ में घोटुल परंपरा महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करता है जहां महिलाएं अपने पसंद के पुरुष से विवाह से पहले मिलकर बातचीत कर सकती है अगर पसंद ना आए तो उसे छोड़कर दूसरा वर ढूंढती है। राजिम की विभूतियां में सुंदरलाल शर्मा की बहन रोहिणी बाई शकुंतला शर्मा आदि के समाज में योगदान को सराहा।साथ ही बस्तर की मेहरून्निजा परवेज की वर्तमान उपलब्धियों को सम्मान देते हुए महिला समाज पर गौरांवित हुए।

मंच पर विशेष अतिथि डॉ के आर मतावले ने कहा की समाज में महिला आज समान स्तर पर है किंतु फिर भी समान नहीं है जैसे पारिवारिक सामाजिक आर्थिक रूप से समानता की जगह नहीं मिलती आज भी समाज पुरुष प्रधान है समाज में पुत्र मोह की वजह से परिवार की आकार बढ़ जा रहे हैं तथापि कानून को दरकिनार करके भ्रूण हत्या कर दी जा रही है दहेज प्रथा बाल विवाह कुपोषण आदि विकृतियों का ये परिणाम है। आज वर्तमान में लिंगानुपात बहुत कम हो रही है महिलाओं की जीवनी शक्ति अधिक होने के उपरांत भी इन विकृतियों की वजह से ज्यादा समय तक जी नहीं पा रही है।

साथ ही प्रो मोहनलाल वर्मा ने कहा 1975 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्त्री स्वतंत्रता खुल कर लागू किया गया इसके विकास के संदर्भ में महिला दिवस मनाया जाने का निर्णय लिया गया । जो समाज उत्थान में महिलाओं की सहभागिता निश्चित करती है उन्हीं का परिणाम है कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं अव्वल हैं गांव में चाहे सरपंच चुनाव हो चाहे खेलकूद का क्षेत्र आर्मी हो पुलिस वैज्ञानिक हो खेलकूद हो या उद्यमिता का क्षेत्र हो आज विश्व में उद्यमिता के क्षेत्र में 80% शेयर भारतीय महिलाओं का है जो इस बात का सबूत है कि समाज में महिलाओं की योगदान सम्मानीय है ।

इस प्रकार डॉ समीक्षा चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि नारियों में समर्पण और सहनशक्ति के साथ 6 गुण होते हैं जो परिवार का मूल आधार है और उन्हीं के वजह से समाज उत्थान की ओर चला जाता है। जहां नारी शक्ति को सम्मान मिलता है ।

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कुमारी हर्षिता यदु बीए द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा द्वारा स्वरचित कविता पाठ किया गया नारी तू नारायणी श्रोतागण को मुग्ध किया। साथ ही कु गुंजा द्वारा भी कविता पाठ किया गया क्या सोचूं क्या याद करूं सिसक रहा था बचपन मेरा। जो बहुत ही रोचक रहा इसके बाद छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मनाई जा रही अहिल्याबाई होलकर की 300वी जन्मतिथि पर उसकी जीवनी का चित्रपटल पर क्लिप दिखाया गया साथ ही रुद्रमादेवी नायिका देवी चिनप्पा देवी मातंगी आदि महान नारियों की गाथा

संक्षिप्त रूप से आकाश बाघमारे सहायक प्राध्यापक इतिहास द्वारा रखी गई कार्यक्रम को प्रवाह रूप से संचालित करते हुए क्षमा शिल्पा चौहान ने पधारे हुए समस्त अतिथियों का स्वागत और अभिनंदन की।

कार्यक्रम में अपनी सहभागिता प्रदान करते हुए चित्रा खोटे सोनम चंद्राकर डॉक्टर अश्वनी साहू डॉक्टर ग्रीष्मा सिंह खोमन प्रसाद साहू प्रदीप टंडन प्रदीप सेन गरिमा साहू खूब लाल साहू शुभम शर्मा डॉक्टर राजेश बघेल श्वेता खरे और समस्त प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन राजनीति शास्त्र के सहायक प्राध्यापक क्षमा शिल्पा मसीह द्वारा किया गया।के

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