छुरा @@@आईएसबीएम विश्वविद्यालय के विधि संकाय एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की अध्यक्षता कुलसचिव डॉक्टर बी. भोल ने किया तथा मुख्य वक्ता के तौर पर शैक्षणिक अधिष्ठाता डॉ. एन के स्वामी तथा विशिष्ट वक्ता के तौर पर छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. शुभाशीष बिस्वास मौजूद रहे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. बी भोल ने कहा कि मानवाधिकार कवच की तरह हैं: वे आपकी रक्षा करते हैं; वे नियमों की तरह हैं, क्योंकि वे आपको बताते हैं कि आप कैसे व्यवहार कर सकते हैं; और वे न्यायाधीशों की तरह हैं, क्योंकि आप उनसे अपील कर सकते हैं। एक इंसान तभी इंसान कहलाता है जब उसके पास अधिकार हो।शैक्षणिक अधिष्ठाता डॉ एन के स्वामी ने मानवाधिकार सभी मनुष्यों में जन्मसिद्ध अधिकार के रूप में निहित हैं। मानव अधिकार समय की तरह होते है वे हम सभी के साथ एक जैसा व्यवहार करते हैं – अमीर और गरीब, बूढ़े और जवान, गोरे और काले, लंबे और छोटे। छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ शुभाशीष विस्वास ने भारत में मानव अधिकार पर चर्चा की। विधि संकाय के छात्र यश वर्मा ने भारत में मानवाधिकार के उल्लंघन जैसे नस्लीय भेदभाव, महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव, बाल अधिकार, विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों को बताया। इस कार्यक्रम में रूपेश, चिन्मया, सुशील,करन,केशव आदि छात्रों ने हिस्सा लिया।इस कार्यक्रम का संचालन विधि विभाग के सहायक प्राध्यापक आकाश गुप्ता ने किया तथा कार्यक्रम का संयोजन विभागाध्यक्ष सुश्री छायांगी महामला द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विधि संकाय की सहायक प्राध्यापिका सुश्री रागिनी सोनी द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्रों की उपस्थिति बनी रही।