एतिहासिक पांडुलिपि 1912 की जिसमे अंकित है उस समय के खर्च का विवरण,,

इतिहासकार आचार्य श्री रमेंद्र नाथ मिश्र की जुबानी,जैसे की उन्होंने न्यूज 24 को बताया

रायपुर,,पंडित रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय के इतिहास विभाग के सेवानिवृत पूर्व विभाग प्रमुख छत्तिसगढ़ के सुप्रसिध्य इतिहासकार आचार्य रमेंद्र नाथ मिश्र ने बताया कि उनके पास उनके परिवार की एतिहासिक पांडुलिपि 1912 की उपलब्ध है उसके अनुसार दादाश्री पंडित शंकरदत्त मिश्र का पितृ पक्ष में पुण्य स्मरण नमन दिवस है रतनपुर के राजगुरु ज्योतिषी संस्कृतज्ञ द्वितीय आषाढ़ शुक्ला द्वादश गुरुवार रात्रि 9:00 बजे बिलासपुर में हुआ था उस अंचल के राय बहादुर मुकुंद सिंह महोदा पोड़ी और आसपास के जमींदार मालगुजार जमींदार उनके शिष्य थे ।

बाबू रेवाराम छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध इतिहासकार संगीतज्ञ साहित्यकार उनकी बहन ने इनका शिष्यत्व स्वीकार किया था उनके तेरहवीं के तीन दिनों के कार्य का पूजा सामग्री यह विवरण प्रस्तुत है पंडित रघुवंशनाथ ठाकुर( ई. राघवेंद्र राव एवं बैरिस्टर छेदीलाल के अध्यापक) बिलासपुर द्वारा तालिका से पूजा विधि सामग्री एवं क्रय सामग्रियों / वस्तुओं की वर्ष 1912 में क्या कीमत थी इस का पता चलता है जो अनुसंधानात्मक लेख हेतु उपयुक्त है l

. यथा:- ₹1 13 आना 2 पैसा रायपुर से आने जाने का दो लोगों का खर्चा₹12 प्रयागराज दो लोगों के आने-जाने का खर्चा रतनपुर से प्रयागराज( भगवान सिंह रायबहादुर मुकुंदसिंह के सहयोग से मिश्र जी के भतीजे बबूजन मिश्र(आचार्य सरयू कांत झा के नाना जी ) प्रयाग गए थे )शेष और समय के वस्तुओं का मूल्य 112 वर्ष पूर्व क्या था।

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