छुरा के इस अस्पताल पर पीड़िता मां ने लगाई जबरजस्ती गर्भपात कराने का आरोप

खबर हेमंत तिवारी

छुरा/ गांव की एक बेटी पिछले लगभग एक साल से न्याय की गुहार लगाते हुए भटक रही हैं।पर वाह रे सरकारी सिस्टम जो कहानी हिंदी फिल्मों में दिखाई जाती है। वह हु ब हु पिछले एक साल से छुरा अंचल की एक बेटी के साथ घटित हो रही है।और पीड़िता को आज तक साल भर होने को आया न्याय नहीं मिला है । मामला एक बार विकासखंड छुरा के एक अस्पताल का है। जहां साल भर पहले एक सभ्य समाज की बेटी की शादी होकर खुशी खुशी ससुराल गई थी।पर उसे क्या पता था कि उसके ससुराल वाले इतना यातना देंगे। और दहेज के लिए प्रताड़ित करेंगे ।अब जब इस बेटी को गर्भवती होने का पता चला तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा अपने सारे ग़म भूलकर वह मां बनने का सुखद सपना संजोने लगी।पर उसका यह सोच गलत था उसके ससुराल वालों ने इस गर्भवती पर जरा सी भी रहम नहीं दिखाया और मार पीट और जुल्म जारी रहा। एक दिन जब इस बेटी को शरीर में दर्द हुआ तो उसने अपने पति को बताई। उसका पति फिर छुरा के इस अस्पताल में भर्ती कराया उस समय गर्भ में बच्चा।लगभग 6 महीने और 7 दिन का था।

पर उसे क्या पता था कि अस्पताल में भर्ती करने के पीछे पति का क्या मंशा था।मीडिया के सामने रोती हुई। अंचल की बेटी ने अपना दुखड़ा सुनाई और अपने पति ससुराल वाले और अस्पताल के ऊपर जबर्दस्ती गर्भपात कराने का आरोप लगाया है।इस बीच वह 5 दिन तक अस्पताल में भर्ती रही और इस बीच मायका वालों को कानों कान खबर तक नहीं लगा ।ससुराल जाने के बाद किसी तरह सारी घटना की जानकारी अपने पिता को दी फिर पिता ने अपने घर बेटी को बुलाकर समाज में बैठक बुलाकर दोनों पक्षों को बैठाया और सारी बातें बताई पर समाज में भी न्याय नहीं मिला वर्तमान में पीड़िता अपने मायके में रह रही है। न्याय के आस में बैठी है । पहुंच और पैसे वाले ससुराल वालों ने तरह-तरह की यातनाएं दी और। जान से मारने की कोशिश भी की पर इतना कुछ हो जाने पर भी कानून का हाथ आज तक इन आरोपियों तक नहीं पहुंच पाया

।तो वहीं इस अस्पताल में मानवत एक बार फिर शर्मशार हो गई और अब कहना होगा कि दरिंदगी की हद हो गई।चंद पैसों की लालच में इस अस्पताल के संचालक और उसके डॉक्टर को एक मां की ममता भी दिखाई नहीं दिया 6 माह की गर्भवती मां का गर्भपात करा दिया रोती हुई पीड़ित मा ने बताया कि बच्चा जीवित था।और आज भी उस पल को याद कर सिहर उठती हु। पर धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर पैसे के लालच में इस तरह अंधे हो गए हैं कि अब उन्हें मानवता भी नजर नहीं आती और सिस्टम को खरीदने का दम रखने वाले अस्पताल संचालकों को।अब भगवान से भी डर नहीं लगता बहर हाल मामला पुलिस में है।

और इसके अलावा जिला संरक्षण अधिकारी महिला बाल विकास विभाग,कलेक्टर जनदर्शन पुलिस अधीक्षक आदि से न्याय की दरकार लगाते हुए। पीड़िता अब गरियाबंद जिला से उम्मीद खो बैठी है ।और अब राजधानी में न्याय की गुहार लगाने मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री गृहमंत्री के पास अपना दुखड़ा सुनाएगी। पर इस मामले को लेकर अभी बहुत सारे खुलासे होना है।

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