विकसित भारत का आधार पोषण आहार-बृजमोहन

छुरा @@@@@डॉ राधा बाई शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत केंद्रीय संचार ब्यूरो, प्रादेशिक कार्यालय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के छत्तीसगढ़ शाखा द्वारा महाविद्यालय में *मल्टीमीडिया चित्र प्रदर्शनी* का दो दिवसीय आयोजन किया गया।कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व मंत्री एवं रायपुर लोकसभा सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने किया।उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए पोषण आहार जरूरी है। भारत सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना एवं आयुष्मान कार्ड का जिक्र किया।सांसद महोदय ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप ही कल का भविष्य है,आपको पोषण आहार की सबसे ज्यादा आवश्यकता हैं।घर का भोजन खाएं और जंक फूड खाने से परहेज करे।पौष्टिक आहार को ही अपने दिनचर्या में शामिल करे।स्वछता पखवाड़े के अंतर्गत सांसद महोदय ने पूरे महाविद्यालय को स्वछता का संदेश दिया साथ ही शपथ भी दिलवाई।एक पेड़ माँ के नाम सन्देश देकर पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित भी किया।इस अवसर पर महाविद्यालय विकास के लिए सांसद महोदय ने पचास लाख देने की घोषणा की।चित्र प्रदर्शनी में पोषण आहार,आहार तत्वों से जुड़ा विज्ञान है।यह शरीर विज्ञान और रसायन विज्ञान से जुड़ी एक नई विचारधारा है।पोषण,शरीर में भोजन को पहुंचाने,पचाने,अवशोषित करने, और अपच पदार्थों को बाहर निकालने की पूरी प्रक्रिया है।पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करने से कई फ़ायदे होते हैं,जैसे कि-इससे कार्डियोवास्कुलर डिज़ीज़, टाइप 2 डायबिटीज़, हाइपरटेंशन,और कुछ तरह के कैंसर का खतरा कम होता है।इससे ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और उत्पादकता बढ़ती है।आदि पर आधारित प्रदर्शनीय लगाया गया था तथा छात्राओं ने आकर्षक रंगोली बनाई।इस अवसर पर क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती सरिता वर्मा उपस्थित थीं।समस्त आयोजन केंद्रीय संचार ब्यूरो भारत सरकार के क्षेत्रीय प्रदर्शनीय अधिकारी एवं कार्यालय प्रमुख श्री शैलेष फाये के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ।इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सी एल देवांगन,वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ विनोद कुमार जोशी,विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र एवं सभी विभागों के विभागाध्यक्ष,वरिष्ठ प्राध्यापक तथा छात्राएं उपस्थित रहीं।इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्राओं ने महाभारत आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किया।कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ श्रद्धा मिश्रा,डॉ श्वेता अग्निवंशी,डॉ निशा बारले,डॉ नीधि गुप्ता एवं श्रीमती नैनी तांडी की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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