स्व. दाऊ रामचंद्र साहू शासकीय महाविद्यालय रानीतराई में राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना दिवस का आयोजन प्राचार्य डॉ. आलोक शुक्ला के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद तथा सरस्वती माता की प्रतिमा पर पुष्पार्पण तथा दीप प्रज्वलन से हुआ। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में व्याख्यान आयोजित किया गया ।राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी सुश्री रेणुका वर्मा ने कहा- राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि हम विद्यार्थियों में स्वयं सेवा की भावना को जागृत कर सके। राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना 24 सितंबर 1969 को हुई थी। राष्ट्रीय सेवा योजना भारत सरकार की युवा एवं खेल मंत्रालय द्वारा संचालित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। राष्ट्रीय सेवा योजना विभिन्न विद्यालय , महाविद्यालय तथा तकनीकी संस्थानों में भी संचालित की जा रही है। राष्ट्रीय सेवा योजना सामुदायिक सेवा की भावना, व्यक्तित्व का विकास तथा आपके अंदर आत्मविश्वास को जागृत करती है। राष्ट्रीय सेवा योजना में सरकार हमें समाज सेवा तथा विभिन्न जागरूकता सम्बंधित कार्यक्रमों से जोड़ कर रखती है। राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत स्वयंसेवक गणतंत्र दिवस परेड में भी सम्मिलित होते है। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम महाविद्यालय, विश्वविद्यालय और राज्य स्तर पर आयोजित किया जाता है और इसमें पुरस्कार भी मिलता है। राष्ट्रीय सेवा योजना का ध्येय वाक्य है ‘मैं नहीं आप’। यह भावना आप सबकी होनी चाहिए। राष्ट्रीय सेवा योजना का बैच हमें गर्व अनुभव कराती है और उसी गर्व के साथ समाज का कार्य करना है। हमारे प्रेरणा पुरुष स्वामी विवेकानंद जी ने युवाओं के लिए कहा है कि उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक आपको अपना लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। सहायक प्राध्यापक सुश्री भारती गायकवाड़ ने कहा राष्ट्रीय सेवा योजना का मुख्य ध्येय वाक्य मैं नहीं आप। जो भी कार्य है आप सामने आएंगे।आप से मतलब समाज से है। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि हमें ईश्वर की सेवा करनी है। इसके लिए उन्होंने समस्त संसार में आवागमन किया।अपने ज्ञान का प्रकाश फैलाया । कैसे हम परमात्मा की सेवा कर सकते है। परमात्मा तो हमें दिखाई नहीं देते। हम सबके अंदर परमात्मा निवास करते है। जब आप दूसरों की सेवा करते हो तो आप एक तरह से परमात्मा की सेवा करते हैं। जब आप दूसरों की सेवा करते हैं चाहे वह पशु, पक्षी हो आप एक तरह भगवान की सेवा कर रहे हो। महाविद्यालय के वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक श्री चंदन गोस्वामी ने कहा राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य बड़ी मुसीबत को सामूहिक कार्य के द्वारा हल किया जा सकता है। शेर जंगल में रहता है वह कोई भी प्राणी का शिकार करता है और अपनी भूख मिटाता है। एक मधुमक्खी जितनी शहद बनाते हैं तो इतना अधिक बनाते है कि जितना वे उपभोग कर सके। उत्पादन अधिक करते और खपत कम करते है। दुनिया के सारे समस्या का जड़ मनुष्य है। सबको जरूरत से अधिक संपत्ति, धन चाहिए। इसके लिए वह पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। हमारी आवश्यकता से अतिरिक्त जो भी है उसको समाज को दिया जा सकता है, जिससे समाज का विकास हो सके। राष्ट्रीय सेवा योजना में सबसे पहले सीखते हैं अपने व्यक्तित्व का विकास करना। व्यक्तित्व का विकास सिर्फ नौकरी पाने तक नहीं होना चाहिए। व्यक्ति के द्वारा किया गया छोटा दान चाहे वह श्रम,सहयोग होता है। आपका व्यक्तित्व अच्छा होगा तो आपको लोग सुनेंगे।हमको शेर की तरह नहीं मधुमक्खी की तरह होना चाहिए। हम बुद्धिजीवी वर्ग हमको जितना आवश्यकता है उतना ही रखना चाहिए, अतिरिक्त को समाज को देना चाहिए। आपको अपना व्यक्तित्व के साथ-साथ समाज का भी सेवा करनी चाहिए।कार्यक्रम की द्वितीय सत्र में भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुआ। उमाशंकर बीएससी द्वितीय वर्ष प्रथम स्थान एवं मनीषा बीएससी (गणित) द्वितीय वर्ष ने दूसरे स्थान प्राप्त किया। पुरुषोत्तम निषाद बीए प्रथम सेमेस्टर ने रंग दे बसंती चोला गीत प्रस्तुत किया।तेजस्वी एवं साथी बीएससी द्वितीय वर्ष ने लक्ष्य गीत उठे समाज के लिए उठे उठे प्रस्तुत किया। भूमिका एवं तिमिषा बीएससी द्वितीय वर्ष ने नौजवान आओ रे गीत प्रस्तुत किया। बीए संकाय के छात्राओं द्वारा स्वच्छता जागरूकता पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। बीए तृतीय वर्ष से नेहा एवं ज्योति, बीए द्वितीय वर्ष से चांदनी निषाद, मैंना ठाकुर, चंचल देवांगन, मुस्कान यादव, बीए प्रथम सेमेस्टर से मुस्कान, मीनाक्षी, विनिती, रोशनी, मानसी, दुर्गेश्वरी ने भाग लिया। राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं को बैच एवं डायरी वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त सहायक प्राध्यापक डॉ रेश्मी महिश्वर, शगुफ्ता सिद्दीकी, अंबिका ठाकुर बर्मन, आराधना देवांगन, अतिथि व्याख्याता श्री टिकेश्वर कुमार पाटिल, शिखा मड़रिया, सुश्री अंजली देवांगन, डॉ दीपा बाईन, कार्यालय कर्मचारी नरेश मेश्राम, श्रीमती महेश्वरी निषाद, सीमा वर्मा, प्रीयेश राष्ट्रीय सेवा योजना के दलनायक दुर्गेश वर्मा, दलनायिका चेतना सिन्हा एवं महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समस्त छात्र-छात्राएं अधिक संख्या में उपस्थित थे।