स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत चीचा वेटलैंड में चलाया स्वच्छता अभियान

वानिकी महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने जाना वेटलैंड का महत्व…वेटलैंड को साफ रखने की ली शपथ

पाटन।स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत बुधवार को चीचा वेटलैंड एवम अमृतसरोवर के आसपास स्वच्छता अभियान चलाया गया।वानिकी महाविद्यालय सांकरा के अधिष्ठाता डा. अमित दिक्षित के मार्गदर्शन में प्रबल आधार सेवा के द्वारा वानिकी के छात्रों ने क्लीनलीनेस ड्राइव कार्यक्रम के तहत वेटलैंड के आसपास को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए साफ सफाई की।

विदित है कि स्वच्छ आर्द्रभूमि को बनाए रखने की अहमियत और लाभों के बारे में व्यापक जागरूकता फैलाने के लिए स्वच्छता अभियान, खरपतवार हटाना, आर्द्रभूमि की रक्षा करने की शपथ लेना आदि कार्यक्रम किये जा रहे हैं।

क्या है वेटलैंड….
नमभूमि या वेटलैंड का मतलब उस स्थान से है जहां पूरे वर्ष या किसी विशेष मौसम में पानी मौजूद रहता है। इससे जमीन के पानी की जरूरत पूरी होती है।
जंगल को धरती का फेफड़ा कहा जाता है क्योंकि यही जंगल वातावरण में फैले कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण कर ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं। इस आधार पर कहें तो वेटलैंड्स धरती के लिए गुर्दे का काम करते हैं। इनका एक काम होता है गंदे पानी को स्वच्छ पानी में तब्दील करना।

वेटलैंड इतना महत्वपूर्ण क्यों?

जल चक्र के लिए वेटलैंड्स का काफी महत्व है। जल संग्रहण, भूजल स्तर को बनाए रखने और पानी की सफाई तक में इसकी भूमिका है। बाढ़ का पानी अपने में समटेकर यह इंसानी आबादी को बाढ़ से बचाने में मददगार है। मौसम परिवर्तन की घटनाएं जैसे बाढ़ और सूखे से निपटने में कई वेटलैंड्स सहायक हैं। धरती पर कार्बन संग्रह करने वाले स्रोतों में वेटलैंड्स का नाम शीर्ष पर आता है जिससे वातावरण में कार्बन की मात्रा में कमी आती है।
पक्षी संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे राजू वर्मा ने बताया कि लगातार हो रहे प्लास्टिक के इस्तेमाल से और कचरे से वेटलैंड के पट जाने का खतरा है,इसलिए इनक्षेत्रों कि साफ सफाई आवश्यक है,उन्होंने विद्यार्थियों को वेटलैंड में आने वाले पक्षियों के बारे में भी विस्तार से बताते हुए कहा कि पाटन क्षेत्र में ऐसे कई वेटलैंड है जिसमे पक्षियों की कई स्थानीय प्रजाति निवास करती है। साथ ही साथ प्रवासी पक्षियों का भी यहाँ डेरा रहता है।

इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक डा. हरीशचंद्र दर्रो, डा. सत्यप्रकाश विश्वकर्मा एवम MSc वानिकी के छात्र निशीकांत कृषाण,पुष्पराज खरे एवम वानिकी द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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