राजनांदगांव. राजकपूर, अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र जैसे बड़े कद के अभिनेताओं के साथ फिल्में कर चुके बौने कलाकार नत्थू दादा का 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 29 मई 1950 को जन्मे नत्थू दादा ने शनिवार तड़के 3.30 बजे अंतिम सांस ली। उनके चले जाने से फिल्म जगत और उनके चाहने वालों में शोक की लहर है। नत्थू दादा ने लगभग 20 साल के अपने फिल्मी सफर में 150 फिल्मों में काम किया। आज उनके गृह ग्राम रामपुर में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
बालीवुड के नामचीन हस्ती अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, डैनी, फिरोज खान समेत कई चर्चित कलाकारों के साथ काम कर चुके नत्थू दादा की पिछले कुछ दिनों से सेहत खराब थी। फिल्मी दुनिया से वापस लौटने के बाद से ही नत्थू दादा का पूरा जीवन मुफलिसी में ही बीत गया। गरीबी और आर्थिक तंगी से ताउम्र लड़ते रहे नत्थू दादा ने अपनी आखिरी समय में निगम द्वारा संचालित चौपाटी में बच्चों के मनोरंजन के लिए दैनिक मजदूरी में नौकरी की। आखिरकार आज सुबह उन्होंने गुमनामी के साथ आखिरी सांस ली।
उनके बड़े बेटे ऋत्विक रामटेके ने बताया कि मेगास्टार दारा सिंह ने भिलाई में 60 के दशक में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नत्थू दादा को देखने के बाद मुंबई ले जाकर राजकपूर से रूबरू कराया। उस समय नत्थू दादा अपने साथी के कहने पर दारा सिंह को देखने आए थे। तब दारा सिंह ने भीड़ के बीच उन्हें अपने हाथों में उठा लिया था, तब नत्थू दादा काफी फेमस हुए थे। दारा सिंह ने ही उन्हें मुंबई में राज कपूर से मुलाकात करवाई थी। राजकपूर निर्देशित मेरा नाम जोकर में नत्थू दादा को बालीवुड में एंट्री मिली। कुछ दिनों में वह काफी लोकप्रिय हो गए। इसके बाद उन्हें कई फिल्मों में काम करने का मौका मिला। सुपर हिट फिल्मो में अपनी अदाकारी दिखाकर दर्शकों के बीच एक छाप छोड़ा है। वहीँ अमजद खान, शत्रुघन सिन्हा जैसे मंझे हुए कलाकारों ने भी नत्थू दादा के साथ काम करते हुए उनकी हौसला अफजाई की। अपने फिल्मी कैरियर में नत्थू दादा ने उड़न छू नाम की फिल्म में बतौर हीरो भी काम किया। 1982 में रिलीज फिल्म धरमकांटा की शूटिंग के दौरान एक हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। उसके बाद से वे कभी खुद के दम पर चल भी नहीं पाएं, लेकिन उन्होंने अपना विश्वास कभी नहीं खोया है।
मुंबई से घर वापस आने के बाद उन्हें आर्थिक समस्याओं ने घेर लिया। 29 मई 1950 को जन्मे नत्थू दादा अपने जीवनकाल में यह दावा भी करते रहे कि वह दुनिया के सबसे छोटे कद के इंसान हैं। भाई भतीजावाद की वजह से उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड में रिकार्ड दर्ज नहीं किया गया। जीवनयापन करने के लिए निगम की ओर से महज 15 सौ रुपए की मासिक तनख्वाह पर चौपाटी में काम किया। परिवार के सदस्यों का कहना है कि निगम की ओर से मेहनताना मिलने में महीनों की देरी होती रही। बढ़ती उम्र के साथ ही नत्थू दादा रोग से घिर गए। बाद में उन्होंने बिस्तर पकड़ ली। आखिरकार आज सुबह उन्होंने तंगहाली के बीच दुनिया को अलविदा कह दिया।
करीब सौ से अधिक फिल्मों में काम कर चुके नत्थू दादा का पूरा नाम नत्थू रामटेके है। महज दो फीट की शारीरिक बनावट वाले नत्थू दादा के पांच संतान है। रामपुर स्थित पैतृक आवास में अब भी वह खप्पर निर्मित मकान में ही परिवार के साथ गुजर-बसर करते रहे। मेरा नाम जोकर, शक्ति, राम-बलराम, कसमे वादे, टैक्सी चोर, अनजाने, खोटे सिक्के समेत कई हिट फिल्म में उन्होंने बौने कद के जरिए दर्शकों का मनोरंजन किया।