खबर हेमंत तिवारी
पाण्डुका/19 जून को डीएफओ कार्यालय में हुए शिकायत का असर इन दिनों पांडुका परिक्षेत्र के में देखने को मिला । डीएफओ कार्यालय में गुजराती राजस्थानी चरवाहों को गरियाबंद जिले में चराई को लेकर प्रतिबंध लगाने हेतु आवेदन दिया गया था ।उसी के तहत यह कार्यवाही दिखा पाण्डुका परिक्षेत्र के सांकरा बीट में शनिवार के दिन गुजराती भेड़ बकरी चराने वाले हजारों की संख्या में वन क्षेत्र में चराई करा रहे थे

।मौके पर पहुंचे न्यूज़ 24 कैरेट के संवाददाता ने परिक्षेत्र अधिकारी पांडुका संतोष चौहान एवं बिटगार्ड सांकरा लोकेश श्रीवास को यह जानकारी दी जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने उन्हें मैदानी इलाके में खदेड़ा और जंगल क्षेत्र में ना आने के हिदायत दी साथ ही दूसरी बार आने पर चालान काटे जाने की बात कही।बता दे की इन दिनों भारी संख्या में गुजराती और राजस्थानी भेड़ बकरी चराने वाले अपने लाखों की संख्या में भेड़ बकरी लेकर मैदानी इलाके में रुके हुए रुके हुए हैं जो जंगल में घुसने की तैयारी कर रहे हैं इसको लेकर प्रमुखता से न्यूज़ 24 कैरेट में खबर वायरल किया गया था ।और इसका असर होते दिखा ।

जानकारों की माने तो इनके आने से पालतू पशुओं में चारे की और जंगलों में छोटे-छोटे पौधे नष्ट हो जाते हैं। साथ ही साथ संक्रामक बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है इसको लेकर अगर कुछ सालों तक लगातार वन विभाग कार्रवाई करते रहे तो स्थानीय किसानो को लाभ मिलेगा साथ जंगल भी सुरक्षित हो जाएगा यह लोग लाखों की संख्या में अपने मवेशी लेकर आते है । बिना अनुमति के अवैध चराई कराते हैं। बहर हाल रात में या फिर तड़के सवेरे ये लोग जंगल में घुस जाएंगे ।इनके डेरा का बकरी चारा रहे लोगो से पूछने पर बताया कि बिसराम डेरा के लोग है जो अभी लोहरसिं और कुंडेल गांव के आसमान रुके हुए हैं।और बाकी साथियो का।डेरा पीछे पीछे आ रहे है।