भिलाई.रिसाली नगर निगम शुक्रवार(27 दिसम्बर 2019) से स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आ गया। रिसाली नगर निगम गठन की अधिसूचना का राजपत्र में अंतिम प्रकाशन हो गया। इसके साथ ही भिलाई नगर निगम से रिसाली क्षेत्र के 13 वार्ड का नाता टूट गया। इसी के साथ यहां के पार्षदों का पार्षदी भी अब ख़त्म हो गई। नए महापौर के चुनाव तक कलेक्टर को प्रशासक नियुक्त किया गया है।
नवम्बर 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भिलाई से अलग कर रिसाली को स्वतंत्र नगर निगम बनाने की घोषणा किये थे। भिलाई नगर निगम के महापौर परिषद के सामान्य सभा में प्रस्ताव पारित कर भेजा जाना था। महापौर परिषद में प्रस्ताव को लटकता देख पार्षद केशव बंछोर एवं नरेश कोठारी ने स्वयं परिषद का हिस्सा होने के बाद भी नाराजगी जताई थी। इसके बाद केशव बंछोर के समर्थन में रिसाली क्षेत्र के सभी पार्षद और राजनितिक कार्यकर्ता आ गए थे। श्री बंछोर ने कहा की साडा के विघटन के समय से रिसाली को अलग नगर निगम बनाने की मांग हो रही थी। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने क्षेत्रवासियों की भावनाओं को ध्यान में रखकर इसके लिये सार्थक पहल की और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इसे मंजूरी दे दी। इसके बाद 27 दिसम्बर 2019 को रिसाली स्वतंत्र अस्तित्व में आ गया।
रिसाली क्षेत्र के 13 वार्ड पार्षदों जिसमे वार्ड 40 ममता बाघ, वार्ड 41 संजू साहू, वार्ड 42 गाविंद चतुर्वेदी, वार्ड 43 नरेश कोठारी, वार्ड 44 राजू मंडावी, वार्ड 45 केशव बंछोर, वार्ड 58 भूपेश ठाकुर, वार्ड 59 चंद्रभान,वार्ड 60 चुम्मन देशमुख, वार्ड 61 मोनिका चंद्राकर, वार्ड 62 रंग बहादुर, वार्ड 63 राजेंद्र रजक वार्ड 39 भैरो सिंह सोनवानी, अब पार्षद नही रहेंगे।