खबर हेमंत तिवारी
राजिम। दुनिया भर में ख्याति प्राप्त देश के पांचवे कुंभ के नाम से प्रसिद्ध राजिम कुंभ कल्प मेले की शुरूआत 24 फरवरी से हो गई है। राजिम की पावनधरा त्रिवेणी संगम में आयोजित होने वाला यह मेला देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई हुई है। देश के कई प्रदेशों से ख्याति प्राप्त मंदिर, मठों, अखाड़ों और आश्रमों से जाने-माने हजारों साधु-संतों के चरण पड़ते हैं। उनके अमृतवाणी और चरण रज का पुण्य लाभ भी राजिम कुंभ मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को मिलता है। प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तथा धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राजिम कुंभ कल्प मेला का आयोजन कर कुंभ की भव्यता पुनः लौटाई है। धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के कुशल मार्गदर्शन में इस बार राजिम कुंभ का आयोजन भव्यता एवं दिव्य रूप से किया जा रहा है।
राजिम कुंभ का अलग ही महत्व*24 फरवरी माघ पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाले राजिम कुंभ कल्प मेला का समापन 8 मार्च महाशिवरात्रि को होगा। इसके साथ ही 3 मार्च से 8 मार्च तक विराट संत समागम होगा। इस दौरान 24 फरवरी, 4 मार्च और 8 मार्च को पर्व स्नान भी होंगे, जिसमें शाही जुलुस भी निकाली जाएग। राजिम में आयोजित होने वाले कुंभ कल्प में संतो के समागम का अपना अलग ही महत्व होता है। कहा जाता है कि संत चलते फिरते तीर्थ के समान होते है लेकिन राजिम जैसे धार्मिक स्थान मे आयोजित कुंभ कल्प मे पहुंचनें वाले साधु-संतो के कारण कुंभ का महत्व बढ़ जाता है। संतो के बिना कुंभ की कल्पना अधुरी मानी जाती है। यह सौभाग्य की बात है कि देश के अन्य आयोजित कुंभ के समान देश के समस्त साधु-संत, महामण्डलेश्वर, मठाधीश सहित शंकराचार्य राजिम कुंभ में आना अपना सौभाग्य समझते है। इन संतो की अमृतवाणी राजिम कुंभ के मुख्यमंच से आम जनता तक पहुंचती है जिनके प्रवचनों का लाभ कुंभ में उपस्थित आमजनता को मिलता है।
*देशभर से पहुंचेंगे साधु-संतों की टोली*इस बार कुंभ में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद महाराज, अविमुक्तेश्वरानंद महाराज, सदानंद महाराज, पंडित प्रदीप मिश्रा, साध्वी ऋतंभरा दीदी, महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती, डॉ. शिवस्वरूपानंद, रामकृष्णानंद, यतिन्द्रानंद, डॉ. रामेश्वर, पंडोखर सरकार जैसे बड़े-बड़े दिग्गज शामिल होंगे। संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इन धर्म गुरुओं को कुंभ में शामिल होने का न्योता भेजा है। धर्मगुरुओं के अलावा हरिद्वार, प्रयागराज, कांसी, बनारस, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, अमरकंटक, चित्रकूट, उत्तराखंड से बड़ी संख्या में साधु-संतों की टोली राजिम कुंभ कल्प मेला में पहुंचेगी।*
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन, प्रदर्शनी लगेगी*कुंभ स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिए दो अलग-अलग से मंच बनाया गया है। इसमें एक मंच पर सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक कार्यक्रम स्थानीय कार्यक्रम होंगे। वहीं मुख्य मंच पर प्रसिद्ध राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों के अलावा अन्य कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा मेला स्थल पर शासन के जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी स्टॉल भी लगाया गया है। जबकि मेला में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए साहू समाज राजिम भक्तिन मंदिर समिति और राईस मिल एसोशिएशन द्वारा निःशुल्क भंडारे की व्यवस्था की गई है।
कुंभ की गरिमा बढ़ाने महानदी की होगी भव्य आरती*राजिम कुंभ कल्प मेला में इस वर्ष साध्वी प्रज्ञा भारती जी सानिध्य में महानदी की महाआरती का आयोजन हो रहा है, जो कुंभ की गरिमा को बढ़ाने का काम करेगी। इसमें स्थानीय पंडितों के अलावा जबलपुर से पधारे महाराजों द्वारा मत्रोच्चारण के साथ भव्य महानदी की महाआरती की जाएगी।