धर्म कर्म :- श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया गया अधर्म बढ़ता है तब भगवान अवतरित होते हैं : तोरन शर्मा

केशव शर्मा की रिपोर्ट ,,,

देवरीबंगला / श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के तृतीय दिवस भागवतचार्य पं. तोरन शर्मा ने कहा कि किसी भी देश राज्य समाज व क्षेत्र का मुखिया यदि धर्मात्मा हो तो वह उस स्थान में रहने वालों का अकेला ही उद्धार कर सकता है। यदि घर का मुखिया धर्मात्मा हुआ तो अपनी कल का उधार अपने कर्मो से कर देता है। उनका आचरण धर्म कर्म के अनुसार होना चाहिए। जब अधर्म फैलता है तब भगवान अवतार लेते हैं। आचार्य श्री ने श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि जब जब धरती पर धर्म और अत्याचार बढ़ता है तब तब भगवान अवतार लेते हैं तथा धर्म और अत्याचार का नाश करने के साथ ही अपना करते हैं। उन्होंने कहा कि जब कंस का अत्याचार बढने लगा तब भगवान श्री कृष्ण ने अवतार लिया। श्री कृष्ण जन्म उत्सव पर कथा स्थल के पंडाल में श्रद्धालुओं ने खुशी मनाई।सोहर गीत पर श्रद्धालु झूम कर नाचने लगे। शुक्रवार को कथावाचक आचार्य श्री ने कृष्ण सुदामा के मित्रता की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि सत्य की मार्ग पर चलो सबका बेड़ा पार होगा। श्रीमद् भागवत कथा सुनने के साथ उसकी शिक्षाओं पर अमल करना चाहिए। *प्रहरियों की बात सुन सुदामा लौटने लगे*:- कथा वाचक तोरण महाराज ने कहा कि जब सुदामा श्री कृष्ण से मिलने पहुंचे तो द्वार पर प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा श्री कृष्ण से बिना मिले ही लौटने लगते है। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्री कृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र खड़ा है और अपने आपको आपका मित्र बता रहा है। भागवताचार्य ने कहा कि भगवान श्री कृष्णा और सुदामा की मित्रता में कोई स्वार्थ नहीं था। उनकी मित्रता से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। सच्चा मित्र वही है जो सुख में नहीं दुख में आपके साथ खड़ा रहे। कृष्ण जन्म के दर्शन के लिए प्रदेश भाजपा कार्य समिति के सदस्य अभिषेक शुक्ला, जनपद उपाध्यक्ष पोषण बनपेला, कांग्रेस जिला महामंत्री केशव शर्मा, व भजायुमो अध्यक्ष टुमन साहू उपस्थित थे। फोटो :- भागवत कथा के दौरान टोकरी में भगवान श्री कृष्ण को ले जाते नंदबाबा

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