जामगांव आर।सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जामगांव आर में दो दिवसीय प्रतिभा खोज स्पर्धा का आयोजन हुआ।प्रथम दिवस गुरुवार को अटल टिंकरिग लेब निर्मित विज्ञान माडल प्रदर्शनी एवम गणित मेला संपन्न हुआ।द्वितीय दिवस खेल का उदघाटन करते हुए सेजस प्राचार्य राजेश पिल्लई ने खिलाड़ी भावना के साथ खेल खेलने की शपथ दिलाई।विद्यालय में पूर्व प्राथमिक प्राथमिक मिडिल हाई हायर स्कूल स्तर खेल स्पर्धा में खो , खो, कबड्डी,योग,बैटमिंटन , कैरम,शतरंज, बालीवाल, मेढक दौड़,कुर्सीदौड़,25 मीटर दौड़ गोली चम्मच , 50मीटर दौड़, सुई धागा, फुगड़ी,लंबीकुद, ऊंची कूद,100 मीटर,200मीटर,80मीटर बाधा,रस्सी छलांग बहन,लंबी कूद,ऊंची कूद,गोला फेंक,100मीटर,200 मीटर दौड़,त्रिकूद, में बच्चो ने जमकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किए।सरस्वती शिशु मंदिर सर्वांगीण विकास के लिए अग्रणी भूमिका निभा रही,,,,सेजस प्राचार्य राजेश पिल्लई ने कहा कि जीवन की सफलतम उच्चाइयो को प्राप्त करने में खेल महती भूमिका निभाती है अनुशासन प्रिय संस्कारित शिक्षा को लक्ष्य बनाकर उत्कृष्ट समाज सेवा के भाव से संचालित सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जामगांव आर 32 वर्षो से गौरव मय इतिहास की रचना करते आ रही है।जो दर्पण सा सबके सामने है।यह विद्यालय बच्चो के सर्वांगीण विकास के लिए बड़ी बारीकी से सभी पहलुओं का ध्यान रखकर मंच उपलब्ध कराती है जो वन्दनीय हैं स्वागतेय है।संस्कार देश प्रेम का रस भरती है।जो सर्वत्र आनंद की अनुभूति कराती है जीवन को सार्थक बनाती है।सशिम विधार्थियो को होनहार बनाने हर संभव प्लेटफार्म उपलब्ध करा रही है,,,,प्राचार्य पी एल बारले ने कहा कि विद्यालय कम शुल्क में उच्च संस्कार युक्त शिक्षा के साथ बच्चो के वैज्ञानिक शारीरिक बौद्धिक सांस्कृतिक क्षमता को बढ़ाने का हर संभव प्लेटफार्म उपलब्ध कराती है।माता पिता उम्दा सहयोग करे तो निश्चित तौर पर अपेक्षा अनुरूप बच्चों का भविष्य संवारने में मदद मिल सकेगी।उन्होंने कहा कि बच्चों को केवल स्कूल में दाखिला दिलाकरकर्तव्य का इतिश्री समझ लेना हितकारी नही है। यह समाज द्वारा संचालित विद्यालय है पालक सतत संपर्क और निगरानी रखे बच्चो का होनहार बनना तय है।बच्चो को होनहार बनाने संगति पर अलर्ट रहे माता पिता,,,, शुक्रवार एवम शनिवार को आयोजित दो दिवसीय खेल के समापन समारोह में प्रधानाचार्य पवन बंछोर ने कहा कि विद्यालय तो विधार्थियो को होनहार बनाने में हर संभव प्रयास कर रही किंतु पालकों के सहयोग बिना मंजिल कैसे मिलेगी माता पिता अच्छे है बच्चा भी अच्छा है लेकिन संगति अच्छी नहीं है तब बच्चे का भविष्य कैसे निखर पाएगा इस मसले पर माता पिता को पूर्णतः गंभीर होना चाहिए तब संतान को होनहार बनाने में माता पिता कामयाब हो पाएंगे।जो माता पिता अलर्ट है उनके बच्चे कामयाब देखे जा सकते है इस विद्यालय से डाक्टर इंजीनियर सी ए सहित कामयाब विधार्थियो की लंबी सूची इसका खुला प्रमाण है। विजेता विधार्थियो पुरस्कार वितरण जनवरी 2024 में किए जाने की घोषणा की गई। संचालन छात्रा दीक्षा यदु डीगेश्वरी चंद्राकर एवम आभार बायो दीदी रोशनी साहू ने किया।