हसदेव जंगल में पेड़ों की कटाई पर तत्काल रोक लगाने मांग

  • पर्यावरण संरक्षण संरक्षण को लेकर कार्यरत संस्थाओं व जन संगठनों ने राज्यपाल के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

दुर्ग। पर्यावरण संरक्षण संरक्षण को लेकर कार्यरत जिले के विभिन्न संस्थाओं व जन संगठनों ने आज कलेक्ट्रेट पहुंचकर राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा उन्होंने हसदेव जंगल में पेड़ों की कटाई पर तत्काल रोक लगाने मांग की साथ ही सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लाक में स्थित परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान परियोजना के प्रभावित ग्राम साल्ही, हरिहरपुर और घाटबर्रा से गिरफ्तार निर्दोष आदिवासी आंदोलनकारियों को रिहा करने तथा रायगढ़ में जिंदल स्टील एंड पॉवर के ठेका श्रमिको पर हुए लाठीचार्ज के मामले कार्रवाई किए की भी मांग रखी
सौंपे गए ज्ञापन में कहा है कि छत्तीसगढ़ की सत्ता में काबिज होते ही भाजपा सरकार ने अपने चहेते कार्पोरेट को फायदा पहुंचाने और आदिवासियों के दमन की कार्यवाही शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार इसी कारगुजारी के तहत कल सुबह 6 बजे से हसदेव के आंदोलनकारी रामलाल करियाम हरिहरपु, जयनंदन पोर्ते सरपंच ग्राम घाटबर्रा और ठाकुर राम आदि आंदोलनकारी साथियों को पुलिस घर से उठाकर ले गई है गांव में भारी पुलिस फोर्स को तैनात करके परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान के दूसरे चरण पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई है।हसदेव अरण्य छत्तीसगढ़ का समृद्ध वन क्षेत्र है, जहां हसदेव नदी और उस पर मिनीमता बांगो बांध का कैचमेंट है, जिससे 4 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होती है। हसदेव अरण्य में कोयला खनन से हसदेव नदी और उस पर बने मिनीमाता बांगो बांध के अस्तित्व पर संकट होगा। प्रदेश में मानव-हाथी संघर्ष बढ़ सकता है
छत्तीसगढ़ विधानसभा में दिनांक 26 जुलाई 2022 को अशासकीय संकल्प सर्वानुमति से संकल्प पारित किया था कि हसदेव अरण्य को खनन मुक्त रखा जाए मगर इन जंगलों का विनाश किया जा रहा है, नव निर्वाचित भाजपा सरकार को जिस विश्वास के साथ इस प्रदेश और खासकर सरगुजा के आदिवासियों ने सत्ता सौंपी है, सरकार का यह कृत्य उसके साथ सीधा विश्वासघात है। यदि हसदेव के जंगलों की कटाई नहीं रोकी गई, तो पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन शुरू किया जायेगा । सौंपे गए ज्ञापन में हसदेव के समृद्ध जंगल में हो रही पेड़ो की कटाई को तत्काल रोक लगाने , निरस्त किये गए ग्राम घाटबर्रा का सामुदायिक वन अधिकार पत्र वापस देने ,परसा ईस्ट केते बासेन कोयला खदान परियोजना को जारी की गई वन स्वीकृति को निरस्त करने मांग की गई है ज्ञापन सौंपने वालों में छग मुक्ति मोर्चा ( मजदूर कार्यकर्ता समिति ), आदिवासी मातृशक्ति संगठन, पीपुल्स फार एनिमल, विचार क्रांति अभियान, हितवा संगवारी, छग जन संघर्ष मोर्चा, पर्यावरण मित्र मंडल, यादव समाज दुर्ग जिला किसान संघ आदि संगठनों के रमाकांत बंजारे, संदीप पटेल, कलादास डेहरिया , उमा सिंह, दिनेश्वरी भुआर्य , लोकेश्वरी ध्रुव, सर्व समाज अध्यक्ष राजेन्द्र रजक, प्रफुल्ल पटेल , धनंजय रोमशंकर यादव, मिलिंद ,गोविन्दा यादव, प्रदीप सिन्हा , चंद्रकला तारम , बालूराम वर्मा ,गुलाब दास, दीपक , नकुल साहू , राजू यादव आदि मौजूद थे

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