प्रतिभावान युवा छात्र हरित चंचानी जापान रवाना ।चाइल्ड सेफ्टी लॉक लुक फ़ॉर एल पी जी गैस सिलेंडर का बनाया मॉडल

विक्रम शाह की खबर,,,,

कुम्हारी। विचक्षण जैन विद्यापीठ स्कूल में कक्षा बारहवीं में अध्ययनरत नगर के प्रतिभावान युवा छात्र हरित चंचानी ने चाइल्ड सेफ्टी लॉक लुक फॉर एलपीजी गैस सिलेंडर का मॉडल बनाया और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर विद्यालय का ही नहीं वरन छत्तीसगढ़ प्रदेश का मान बढ़ाया है । हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर उनके मॉडल को प्रथम स्थान मिला । दक्षिण एशिया के युवाओं को ज्ञान और अनुभव संवर्धन कराने के लिए जापान की सकूरा साइंस एंड टेक्नोलॉजी की ओर से उन्हें आमंत्रित किया गया है। गर्व की बात है कि संपूर्ण भारत से साठ प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों में एकमात्र उन्हें चुना गया है । जापान प्रस्थान करने के पूर्व प्रेस क्लब ऑफ कुम्हारी के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रतिभावान छात्र हरित चंचानी अपने व्यवसायी पिता रत्नेश चंचानी, माता मेघना चंचानी और विद्यालय के प्राचार्य तथा संस्था प्रबन्धक के साथ उपस्थित हुए । उन्होंने अपनी उपलब्धियों की जानकारी पत्रकारों को साझा की साथ ही पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। हरित ने बताया कि आसपास के परिदृश्य में घटित हो रहे दुर्घटनाओं को देखकर उनका मन विचलित हो जाता था विशेष रूप से जब किसी भी कारणवश गैस सिलेंडर फटने से जान माल की हानि होती है और लोगों की जानें भी चली जाती ये खबर पढ़कर भी मन उद्वेलित हो जाता था मुझे लगा कि कोई ऐसी चीज बनाई जाए जिससे सबका भला हो और बेहद जरूरी भी हो और मैंने इस डिवाइस का निर्माण किया। जब पापा और मम्मी को बताया तो वे सहर्ष सहमत हो गए क्योंकि सामान्य से लगने वाला यह डिवाइस भीषण दुर्घटना से बचा सकता है और यह लगभग हर घर की जरूरत भी है बस इसी संकल्प के साथ उपकरण को बनाने में जुट गया। इसके लिए विद्यालय के प्राचार्य शिक्षक शिक्षिकाओं का बेहद सहयोग मिला साथ ही उन्होंने हमेशा प्रोत्साहित भी किया।गौरतलब है कि हरित के इस अविष्कार को भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने भी सराहा और उसे सम्मानित किया। हरित ने उन स्वर्णिम क्षणों को अविस्मरणीय स्मृति कहा । वर्तमान में हरित जेईई परीक्षा की तैयारियों में जुटे हैं उसने बताया कि वह इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी में करना चाहता है । हरित को डांस और म्यूजिक का भी शौक है। वे अपना श्रेष्ठ मित्र और प्रेरणास्त्रोत अपने माता पिता को मानते हैं साथ ही विद्यालय के प्राचार्य एवं शिक्षक के सहयोग और मार्गदर्शन के बिना कुछ भी संभव नही था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *