चौबे बांधा ,रावड, लचकेरा और बिरोड़ा में चल रहा है। अवैध रेत घाट

हेमंत तिवारी की कलम से

खनिज विभाग के अधिकारी का संरक्षण

राजिम /एक बार फिर अवैध खदानों को लेकर जिले में हाय तौबा मचा हुआ है। और जिले के इस रेत भंडार को लूटने अन्य जिला सहित दूसरे राज्य के रेत चोर गिरोह सक्रिय भूमिका निभा रहे है।और इस पवित्र महानदी, पैरी नदी, सुखानदी ,सरगी नदी जैसे जीवन दायनी नदियों में जिस तरह चैन माउंटेन से 24 घंटे रेत की खुदाई की जा रही है। इसको देखकर लगता है कि कुछ सालों में रेत के इस अवैध कारोबार से नदिया पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा। और आसपास के नदियों से लगे खेत के किनारो एवं तटबंधों को भारी नुकसान पहुंचाएगा । जानकारों की माने तो चौबे बांधा एनीकेट के आसपास इस तरह अवैध रेत निकासी और खुदाई से रेत चोरों का फायदा हो रहा है पर आम लोगों के लिए बनाया गया करोड़ का यह एनीकेट पानी नहीं होने से सफेद हाथी सिद्ध हो रहा है।क्यों की सूत्रों की माने तो रेत चोरी के एनिकट का पानी खोल दिया है। कुछ साल पहले महानदी के अस्तित्व को बचाने कुछ समाज सेवक सामने आए थे जो राजिम कुंभ में नदी पर मुरूम बिछाय जाने का विरोध कर रहे थे।अब जब इन नदियों का अस्तित्व खतरे में है तब ये

समाज सेवक कही नजर नहीं आ रहे हैं। अब गरियाबंद जिले के सभी नदियों का अस्तित्व खंतरे में है। और एक जन आंदोलन की जरूरत है।वर्तमान में आचार संहिता लगा है । तथा चुनावी सीजन में सबको लगा था कि रेत का काला कारोबार शायद चुनाव तक थम जाएगा पर ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ। नेताओं के रिश्तेदारों के भरोसे चल रहे कुछ खदान सतत रूप से जारी है। तो वहीं कुछ खदान ऐसे हैं जो अपने दादागिरी के दम पर खनिज विभाग से सेटिंग कर चला रहे हैं तो कुछ रात के अंधेरे में चल रहा है।कुल मिलाकर इन सबका निचोड़ एक ही है ।सबका इस गोरख धंधा का बॉस खनिज विभाग ही है ।और इन्ही के संरक्षण में बिना स्वीकृत इन खदानों में 24 घंटा इस कदर खुदाई की जा रही है। कि मानो कुछ महीनो में ही पूरे रेत को बेच खायेंगे। इसमें खासकर रायपुर भिलाई दुर्ग के रेत ठेकेदार शामिल है जो ग्राम पंचायत सरपंच ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष सहित स्थानीय लोगों के साथ गठ जोड़कर यह अवैध कारोबार चला रहा है। तो वह कुछ स्वीकृत खंदाने भी है जहा नियमो का जरा भी पालन नही हो रहा है।नियम अनुसार सुबह 6: बजे से लेकर शाम 6: बजे तक श्रमिकों से रेत गाड़ीयो में भरवाने का नियम है पर 24 घंटा चैन माउंटेन मशीन से नदियों का रेत निकासी करवा रहे हैं। पर्यावरण विभाग के नियम और खनिज विभाग के पूरे नियम का पूरी तरह दरकिनार कर जिला अधिकारी गरियाबंद की देखरेख में पूरी तरीका से या खदानें संचालित हो रही है तो वहीं दूसरी ओर धमतरी जिले से भी चौबे बांध पुल और कुटेना पुलिया के माध्यम से धड़ल्ले से दिन रात रेत की निकासी हो रही है।सड़को पर तेज रफ्तार दौड़ते हुए हाईवा गाड़ियों से आम जनता सहम जाते है । राजिम से लेकर पोखरा , फिंगेश्वर, पांडुका तक सड़के ऐसे भी व्यस्त और खराब है। ऐसे में तेज रफ्तार दौड़ते रेत भरे सैकड़ों हाईवा गाड़ी से जान जोखिम में डाल कर राहगीरों आना जाना पड़ता है। इन अवैध रेत खदानों पर खनिज कभी ध्यान नहीं देते और कभी कभार ही दिखावे के लिए एकात कार्यवाही कर दिया जाता है।

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