- केंद्र की मोदी सरकार बायोमेट्रिक सिस्टम लागू कर किसानों को कर रही परेशान – कांग्रेस
रायपुर। जिला कांग्रेस कमेटी रायपुर ग्रामीण के अध्यक्ष उधो राम वर्मा एवं जिला महामंत्री प्यारेलाल साहू ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर केंद्र की मोदी सरकार पर किसानों को परेशान करने का आरोप लगाया है। नेताद्वयो ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार को किसानों की उन्नति एवं खुशहाली देखी नहीं जा रही है एक तरफ छत्तीसगढ़ कांग्रेस की भूपेश सरकार किसानों को खुशहाल बनाने के लिए किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए किसानों के हित में लगातार काम कम रही है उनका उत्पाद का एक-एक दाना अनाज पूरे देश में छग में सबसे अधिक मुल्य में खरीदी कर रही है। वहीं दूसरी ओर केंद्र में बैठी मोदी सरकार ऐसा कोई कसर नहीं छोड़ रही जिससे किसानों को परेशानी ना उठाना पड़े एम एस पी में लागत से कम मूल्य,केंद्रीय पूल के तहत छत्तीसगढ़ से खरीदे जाने वाले चावल की मात्रा में कटौती फिर अब नया तूगलकी फरमान बायोमेट्रिक सिस्टम लागू करने का आदेश दे दिया है।
श्री वर्मा एवं श्री साहू ने कहा कि बॉयोमेट्रिक सिस्टम के लागु हो जाने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा इस प्रणाली को को राशन दुकानों में लागू किया गया है जो 2 वर्षो में भी अपूर्ण है। जब 2 महीने बाद 1 नवम्बर 2023 से छत्तीसगढ़ में धान खरीदी प्रारंभ होगी तब किसानों को बायोमेंट्रिक रजिस्ट्रेशन में अपना काफी समय गंवाना पडेगा।दूरस्थ अंचलों से आने जाने में असमर्थ किसान तो अपना धान बेच ही नही पाएंगे। टोकन वाले दिन यदि नेटवर्क खराब हुआ तो अगले दिन किसका धान बिकेगा इस पर भी असमंजस और विवादित स्थिति बनी रहेगी। इससे प्रदेश के किसानों में एक अप्रत्याशित दहशत का माहौल बना हुआ है। ऐसा करके केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ के कांग्रेस की सरकार को धान खरीदी करने में व्यवधान डालने का प्रयास कर रही है जो पहले भी कई बार कर चुकी है ताकि किसान धान ही ना बेच पाए और उसका मथ्थे कांग्रेस सरकार पर मढ़ सके। लेकिन छत्तीसगढ़ के किसान समझदार है जागरुक है भला और बुरा सब समझती है कौन उसकी भलाई कर रही है और कौन उसको परेशान व प्रताड़ित कर रही है आगामी नवंबर के विधानसभा चुनाव में इसका जवाब जरूर देगी।
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने इस बार धान खरीदी बायोमेट्रिक सिस्टम से करने का निर्देश जारी किया है। जिस पर छत्तीसगढ़ सरकार धान खरीदी के नए निर्देशों को इस साल लागू न करने को लेकर केंद्र सरकार से आग्रह कर रही है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है। प्रदेश सरकार ने तर्क दिया है कि बायोमेट्रिक सिस्टम लागू होने से छत्तीसगढ़ के दुरस्त अंचल में रहने वाले किसानों को धाने बेचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।