50 से अधिक नॉन टीचिंग स्टाफके लिए विश्वविद्यालय में स्किल डेवलपमेंट कार्यशाला का आयोजन कार्य कुशलता ही मनुष्य को आगे बढ़ती है- कुलपति

रायपुर। मानव संसाधन विकास केंद्र पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में कार्यरत गैर शैक्षणिक कर्मचारियों के लिए पांच दिवसीय कौशल उन्नयन हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया इस कार्यशाला का उद्देश्य विश्वविद्यालय के अशैक्षणिक स्टाफ के कार्य कुशलता के विस्तार व उनके कार्य निष्पादन क्षमता में उत्तरोत्तर वृद्धि था। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ के सुब्रमण्यम रिटायर्ड आईएफएस एंड मेंबर आफ प्लानिंग कमिशन छत्तीसगढ़ ने कहा कि दुनिया भर के संगठन तकनीकी और शैक्षणिक कौशल में सुधार लाने के उद्देश्य से विशेष पाठ्यक्रमों में भी भारी निवेश कर रहे हैं। ये पहल एक स्वागत योग्य बदलाव है क्योंकि ये छात्रों और कामकाजी कर्मचारियों को व्यवसाय प्रतिमान का सक्रिय रूप से विश्लेषण करने और अपने नौकरी के अवसरों का विस्तार करने में सक्षम बनाते हैं। ये पाठ्यक्रम प्रासंगिक हैं और आपको नवीनतम तकनीक और नियमों से जुड़े रहने में मदद करते हैं।

पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डा. सच्चिदानंद शुक्ला ने इसके उदद्देश्य को रेखांकित करते हुए कहा बदलते हुए समय एवं परिवेश के साथ हमें अपने आप में भी परिवर्तन की आवश्यकता है ताकि हम कदम से कदम मिला करके वैश्वीकरण की इस प्रक्रिया में शामिल हो सके एवं अपने राष्ट्र एवं संस्था के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें इस क्रम में यह कौशल उन्नयन का कार्यशाला मिल का पत्थर साबित होगा। कुलपति ने आगे कहा कि हमारा पूरा जीवन हमारे कौशल को विकसित करने की एक लंबी अवधि है। हम चलना सीखते हैं. हम बोलना सीखते हैं. हम सीखते हैं कि हमें अपना ख्याल कैसे रखना है। यह सब एक अवचेतन क्रिया बनने से पहले किसी चीज़ को बार-बार दोहराने की एक ही सामान्य विधि के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केंद्र के डायरेक्टर प्रोफेसर प्रीति के सुरेश ने कहा की हमें अपने व्यक्तित्व एवं कार्य कुशलता को निखारने के लिए निरंतर प्रशिक्षण की जरूरत पड़ती है जो इस तरह के कार्यशाला से पूर्ण होती है।

कार्यक्रम सह-संयोजक डॉ बृजेन्द्र पाण्डेय ने अतिथि वक्ताओं का परिचय और कार्यवृत्त प्रस्तुत किया। डॉ. अरविंद अग्रवाल ने कार्यक्रम समापन पर आभार वक्तव्य दिया। इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय के 50 से अधिक शैक्षणिक कर्मचारियों ने कार्यशाला में हिस्सा लिया।

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