रायपुर, कैलाशपुरी विकास परिषद की ओर से कैलाशपुरी में आयोजित हलषष्ठी व्रत अवसर पर महिलाएं सगरी खोदकर उसके चारों तरफ बैठकर, कथा सुनकर संतान की लंबी आयु और समृद्धि की कामना के साथ विधि विधान से पूजा संपन्न किए। उक्त अवसर पर पूजा में शामिल डॉ सविता मिश्रा ने बताया कि इस व्रत को कृषि के देवता बलराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। बिना हल चले खेत का चावल जिसे पसहर कहा जाता है, इसी के साथ बिना हल चले भाजी को भैंस के घी में छोक कर तैयार करके भैंस के दही और दूध का भोग लगाते हैं। पूजा में शामिल महिलाओं ने फूली हुई काशी का मंडप सजाकर भगवान शिव पार्वती की मूर्ति स्थापना करके विधि विधान से पूजन संपन्न किया। कथा का वाचन दीप्ति चंद्रा ने किया। पूजा के पश्चात माताएं सगरी के पानी से कपड़े को भीगा कर अपने बच्चों के पीठ में लगाकर दीर्घायु की कामना की । उक्त अवसर पर डॉ सविता मिश्रा, शीला गोस्वामी, स्नेहलता साहू, विनीता साहू, शिखा गोस्वामी, आयुषी शर्मा, भारती अग्रवाल, सरिता विश्वकर्मा, संस्कृति थवाईत, पूजा अग्रवाल, श्रीमती देवांगन, श्रीमती शर्मा सहित श्रद्धालु महिलाएं शामिल थी। ललित मिश्रा- अध्यक्ष कैलाशपुरी विकास परिषद