नियमित टीकाकरण से भंयकर गंभीर रोगों से बचपन सुरक्षित कर सकते है

पाटन.शिशुवती माताओ को टीकाकरण समय पर नियमित टीकाकरण के लाभ व समय पर टीकाकरण नही कराने पर शिशुओं को होने वाले नुकसान के बारे में स्वास्थ्य विभाग के गा्मीण स्वास्थ्य संयोजक व शहरी स्वास्थ्य  कार्यक्रम के प्रभारी बीईईटीओ सैय्यद असलम ने बताया कि पेंटा,रोटा वायरस,पोलियो की खुराक से नवजात शिशुओं को दस्त, निमोनिया, ओर शवसन संकमण से बचाव है अधिकांश नवजात शिशु पतले दस्त,व निमोनिया से मृत्यु हो जाते है। सैय्यद असलम ने उपस्थित नवजात की माताओं को बताया कि पैदाइश से एक वर्ष के भीतर बी सी जी का टीका लगाने से टी बी रोग से बचाव होता है जो माताऐ जन्म के समय से एक माह के भीतर ऐ टीका नही लगा पाती है ऐसे ही संतानों को बडे होकर टी बी रोग होने की प्रबल संभावना रहती हैं।इसी तरहा 9 माह की आयु पर खसरा का टीका लगाया जाता हैं जिससे सेंदरी माता ,चेचक,जैसे रोगो से रोकथाम है इसी टीके दूसरी खुराक डेढ वर्ष मे दी जाती है जिससे मिज्लस ,मम्स,रूबैला,जैसे रोगों से बचाव होता है साथ ही विटामिन ए की खुराक 9 माह की आयु से 5 वर्ष तक हर 6 माह के अंतराल मे दी जाती है जिससे बच्चों के  शरीर को त्वचा, नेत्र,ओर बालो को लाभ मिलता है 5 वर्ष की आयु पर बुस्टर डोज डी पी टी की लगाने से गलघोंटू, काली खांसी, टेटनस ओर डिप्थीरिया जैसे गंभीर रोगों के बचाव की शक्ति शरीर मे पैदा होती है । शिशुवती माताऐ यदि समय समय पर टीकाकरण के प्रति जागरूक रहेगी तो नवजात शिशुओं को भंयकर गंभीर रोगों के प्रति बचपन मे ही सुरक्षित कर सकते है ओर नवजात मृत्यु दर ,बाल मृत्यु दर मे कमी लाने मे हम अपनी भूमिका निभा सकते है। कार्यक्रम मे एएनएम श्रीमती सोनसीर देशलहरे, श्रीमती हेमलता निर्मलकर, दौ्पती ,हेमलता गीते,मधु सवई,नेहा साहू,भोज देशमुख, उमेशवरी, हर्षा मानिकपुरी, मितानीन रेहाना परवीन, मंजू, मुरली मनोहर वर्मा, यशवंत साहू,जे डी मानिकपूरी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ज्योति का सहयोग रहा।

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