प्रधान पाठक का पद ग्रहण लेने के बाद शिक्षक का अता पता नही जनदर्शन में कलेक्टर से ग्रामीणों और पलको ने की मांग,, शिक्षक को भेजो स्कूल

खबर हेमंत तिवारी ,,छुरा / शिक्षा का बदहाल व्यवस्था विकास खंड में सुधरने का नाम नहीं ले रहा हैं। शिक्षकों की मनमानी इस कदर हावी है कि पालकों को अपने बच्चों की पढ़ाई की चिंता सता रही है। एवं शिक्षकों के मांग के लिए दर-दर भटक रहे हैं । तथा 22 अगस्त को कलेक्टर जन दर्शन में आवेदन लगाया गया है । प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति होने के बाद भी शिक्षक घनश्याम शोरी अपने पुराने स्कूल में कुंडली जमाए बैठे हुए हैं।और वहां से टस के मस नहीं हो रहा है। ऐ हाल है ग्राम पंचायत भरूवामुडा के आश्रित ग्राम जटियातोरा के प्राथमिक शाला का जो संकुल केन्द्र सेम्हरा विकास खण्ड छुरा अंतर्गत आता है। इस शासकीय प्राथमिक शाला जटियातोरा में 5 कक्षाओं को एक ही शिक्षक पढ़ाते हैं। ऐसे में जब अकेला शिक्षक बच्चों का जाति बनवाने तहसील या डाक देने बीईओ कार्यालय छुरा जाता होगा तो वहां के बच्चों की पढ़ाई कैसी होती होगी यह तो वहां के पढ़ने वाले विधार्थी बता सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा ब्यवस्था की बदहाल स्थिति किसी से छुपी नहीं है और अभी तक व्वस्था भी नहीं सुधर सकी है। जटियातोरा

शासकीय प्राथमिक शाला में एक से लेकर पांच तक के कक्षा को एक ही शिक्षक पढा रहे हैं। यहां की दर्ज संख्या 52 है , ज्ञात हो कि सहायक शिक्षक एल बी शिक्षक पद पर पदोन्नति उपरांत एकल शिक्षकीय संस्था हो गया है। मालूम हो कि विगत सत्र में ‌प्रधानपाठक में पदोन्नत होकर घनश्याम सोरी द्वारा प्राथमिक शाला जटियातोरा में पद भार ग्रहण कर चुके मगर आज भी प्राथमिक शाला राजपुर में अध्यापन कार्य करा रहे हैं। इसे देखते हुए जटियातोरा के ग्रामीणों ने 22 अगस्त को जनदर्शन में जाकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। राज्य सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। एक तरफ छत्तीसगढ़ में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी, हिन्दी माध्यम स्कूल खोलकर शिक्षा बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी तरफ शासकीय स्कूलों में 1 से लेकर 5 कक्षाओं को पढ़ा रहे हैं। जिससे पढाई प्रभावित हो रही है, सरकार कै लाख कोशिश के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर ऊपर नहीं उठ रहा है। इस क्षेत्र में बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे चल रही है। क्यों की अधिकतर शिक्षक अपने मुख्यालय में नही रहते।और बाहर जिला और शहरो से आना जाना करते है।इस कारण रोज लेट से पहुंचते है।जिस कारण प्राथना में भी शामिल नही होते है।जटियातोरा के ग्रामीणों द्वारा शिक्षकों की मांग लम्बे समय से किया जा रहा है लेकिन उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ज्ञापन सौंपने वालों में ग्रामीण राधेश्याम, पीलराम, संतराम, भगवान सिंह, तिशरूराम , सहित पालकगण एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *