रायपुर। पुरानी बस्ती रायपुर स्थित महामाया मंदिर सार्वजनिक न्यास के सचिव व्यास नारायण तिवारी एवं न्यासी पं विजय कुमार झा ने बताया है कि गुप्त नवरात्रि के पावन पुनीत पर्व परआयोजित श्रीमद् देवी भागवतकी दिव्य अमृतमयी कथा का विस्तृत वर्णन करते हुए पूज्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के परम प्रिय शिष्य शंकराचार्य आश्रम के प्रभारी डॉ इन्दुभवानन्द महाराज ने बताया कि समय ही मनुष्य को धर्मात्मा बनाता है, ज्ञानवान बनाता है और फिर उसी व्यक्ति को पापी तथा अत्यंत ज्ञान से हीन बना देता है। काल की गति बड़ी विचित्र होती है। जो एक साधारण मनुष्य को राजा बना देता है और उसके बाद राजा को भिखारी बना देता है। वही कालदाता को याचक बलवान को निर्बल, पंडित को अज्ञानी और वीर को अत्यंत कायर बना देता है। अतः काल की इस अद्भुत गति के विषय में कुछ भी आश्चर्य नहीं करना चाहिए। यही काल ब्रह्मा, विष्णु शिव आदि को भी इसी प्रकार संकट में डाल देता है। बलवान काल के प्रभाव से विष्णु भगवान को भी अनेक अवतार धारण करने पड़ते हैं। वास्तव में काल समय पराम्बा भगवती महामाया की ही शक्ति है। जब यह काल हृदय में बैठता है, तो अमृत बन जाता है और जब बाहर बैठता है तो मृत्यु बनकर जीवों का कलन करने लगता है।कथा व्यास ने शुंभ निशुंभ की कथा सुनाते हुए बताया शुम्भ ने समस्त ब्रह्मांड में अपना राज्य स्थापित कर लिया। इंद्रासन खाली कराकर ब्राह्मणों के द्वारा दिया जाने वाला भव्य,कव्य भी राक्षस लोग ग्रहण करने लगे। समय काल राक्षसों का साथ दे रहा है। न्यास समिति के वरिष्ठ सदस्य चंद्रशेखर दुबे ने बताया है कि कथा प्रवचन के समय में आंशिक संशोधन किया गया है। आज 26 जून एवं कल 27 जून को मौसम को देखते हुए दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक मंदिर प्रांगण में कथा प्रवचन होगा।
समय( काल)भी महामाया की शक्ति है-डॉ.इन्दुभवानन्द महाराज
