श्री कृष्ण ने अपनी लीलाओं से जीवों को मुक्ति की राह दिखाई-आचार्य शिवानंद

जामगांव(आर).राधे राधे समिति की ओंर से जामगांव आर बाजार चौक में चल रहे श्रीमद भागवत कथा सप्ताह के चौथे दिन भागवताचार्य आचार्य शिवानन्द महराज ने कृष्ण जन्मोत्सव का वृतांत सुनाया ! उन्होंने बताया कि भगवान कृष्ण ने संसार को अंधेरे से प्रकाश में लाने के लिए जन्म लिया और अज्ञान रूपी अंधकार को ज्ञानरूपी प्रकाश से दूर किया,भगवान कृष्ण को जब वसुदेव यशोदा मैया के घर लेकर जा रहे थे तो, शेषनाग ने छाया की और गंगामाता ने चरण छुए,कृष्ण को नंदबाबा के घर छोड़कर यशोदा मैया की कन्या को लेकर वापस कंस के कारागृह में आए।
आचार्य शिवानंद ने कहा कि धर्मशास्त्र और इतिहास साक्षी है कि जब भी भी महापुरुषों का जन्म हुआ है अधर्म, अनीति व अत्याचार भी पैदा हुए लेकिन अंत में विजय सत्य, न्याय व धर्म की ही हुई। राम के साथ रावण, कृष्ण के साथ कंस हुआ ,नियति की लीला देखिए कि भगवान कृष्ण का जन्म कंस के कैदखाने में हुआ लेकिन जगत के बंधन तोडक़र बाहर निकल कर जगत के जीवों को मुक्ति की राह दिखाई। अत्याचार पर करुणा, अधर्म पर धर्म, अन्याय पर न्याय प्रतिष्ठित किया। उन्होंने न केवल पूतना, कंस व दुर्योधन जैसे दुष्टों पर विजय पाई बल्कि आंतरिक शत्रु कोधादि, कषाय पर भी विजय पाई। कथास्थल में जैसे ही भगवान का जन्म हुआ पूरा पंडाल ‘नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की’ के जयकारों से गूंज उठा,श्रद्धालुओं ने झूमते गाते भगवान का जन्मोत्सव मनाया।
कथास्थल में पं मुकेश शुक्ला,डीडी मानिकपुरी,कन्हैयालाल साहू,मेघनाथ सागरवंशी, सरपँच शैलेन्द्री मंडावी,मीना बाई साहू,राजेश मानिकपुरी,बलदाऊ राव,सहजराम साहू,जालम सेन, विष्णु विश्वकर्मा, राजेश राजन,सुनील चन्द्राकर,मोहित साहू,टीकू, भींगज,लुकेश्वर नेताम,डोमन निर्मलकर, तामेश्वर ठाकुर,चैन सिंह ठाकुर,कांति ठाकुर,उमा चन्द्राकर,नोहर नेताम,दिवाकर साहू,श्याम ऋषि चन्द्राकर सहित अन्य श्रद्धालुजन मौजूद थे।


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