- पहले पति को छोड़ दूसरे पति के साथ रहती है महिला लेकिन राशि आहरण करने फिर से मिल गई पहले पति से
खबर हेमंत तिवारी
राजिम /विकासखंड फिंगेश्वर के एक ग्राम पंचायत में अंतर जाति विवाह की राशि को लेकर बहुत बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है जिसमें 4 जून 2018 में हुए इस विवाह में दोनो प्रेमी जोड़ा के अंतर जाति विवाह कर लिया और शासकीय योजनाओ का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहन के रूप में कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास गरियाबंद में 27 फरवरी 2019 को योजना की आवेदन सहित अन्य प्रक्रिया पूरे किए जिस पर इन्हे 2 लाख 50 हजार की राशि स्वीकृत होता है और पहला किश्त 25 अक्टूबर 2019 में प्राप्त कर लेते है।तब इन लोग दोनो पति पत्नी साथ रहते थे।। और इनका एक बच्चा भी पैदा हो जाता है ,फिर लगभग 2 साल बीतने के बाद 2020 में अचानक महिला किसी दूसरे समाज के लड़के के साथ भाग जाति है और दूसरी शादी कर लेती है ।इस बीच इनके खाते में बचे 1 लाख 50 हजार को निकालने में परेशानी हो रहा होता है फिर एक महिला जनप्रतिनिधि के साथ मिलकर कूटरचना कर पैसे हड़पने की नीति बनाती है और विभाग के अधिकारी को सेटिंग कर 25 अक्टूबर 2022 को 1लाख 50 हजार की राशि को फर्जी तरीके से निकलवा लेती है जबकि नियमानुसर विभाग के अधिकारी को भौतिक सत्यापन किया जाना था की वर्तमान स्थिति में इन दोनों साथ में रहते है की नही पर सहायक आयुक्त कार्यालय के अधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन किया बिना स्वीकृति प्रदान कर दी जाती है और बाकी राशि महिला और जनप्रतिनिधि के साथ मिलकर राशि हड़प लेती है। क्यों की जब पड़ताल किया तो महिला के पहले पति ने राशि आहरण के लिए अपनी दूसरे पुरुष के लिए भागी महिला के साथ विभाग में सेटिंग कर फोटो खिचवाया साथ में रहते हैं कहकर झूठी कहानी सुनाकर पैसा हड़प कर आपस में बाट लिए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बची हुई राशि को निकालने के लिए गवाही के लिए बाहरी व्यक्तियो का सहारा लिया गया है। जिसमे एक बाहर गांव का कोटवार भी शामिल है। वर्तमान में महिला जिसके साथ रह रही है उन दोनो के एक बच्चा भी है।।और पहले पति के तरफ से भी एक बच्चा है। इस प्रकार से सरकारी योजनाओं में गलत जानकारी देकर राशि आहरण करने वाले इन सभी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर ग्राम के लोग शिकायत दर्ज कराने वाली है।साथ ही इसे जनप्रतिनिधि का पोल समाज के सामने आएगा जो पैसों के खातिर गलत जानकारी देकर राशि आहरण में सहयोग की है और इस पूरे मामले का पड़ताल किया गया तो महिला के पहले पति उसके दूसरे पति और कोटवार ने पूरा कहानी बताए जिसमे इस गड़बड़ झाला में माहिला जनप्रतिनिधि ने सबको सेटिंग किया और ज्यादा पैसा खुद रखे और हम लोगो को थोड़ा थोड़ा दिये। जिसमे विभाग के लोग भी शामिल थे। इस प्रकार जनता के चुने हुए प्रतिनिधि पैसे के लिए ऐसे गलत कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।