खबर हेमंत तिवारी
छुरा.. घटना गरियाबंद जिले के ग्राम पंचायत महुआ भाठा के केरगांव का है, जहां के डायमंड ध्रुव के एकवर्षीय हर्ष कुमार खेलते हुए बाड़ी के कुएं में गिर गया। जिसे ढुंढते हु उसके दादी मां अमरीका बाई ने देखा कि बच्चा कुएं में गिर गया था आनन फानन में बचाने हेतु उनकी उनकी बुआ 25 वर्षीय कुमारी गायत्री बाई गहरे कुएं में छलांग लगाकर बच्चे को निकाली। जिससे गायत्री बाई का पैर फेक्चर हो गया।
दोनों को तत्काल एंबुलेंस की मदद से गरियाबंद जिला अस्पताल भेजा गया, तब तक हर्ष कुमार बेहोशी की हालत में था जिसे डाक्टरों ने जांच कर रायपुर रिफर कर दिया जहां अभी बच्चा ठीक है बच्चे के माता पिता रायपुर हास्पिटल मे हैं,वहीं कुमारी गायत्री गरियाबंद जिला अस्पताल में है। बच्चे के दादा गोपीराम को विडिओ काल के माध्यम से बच्चे के पिता से बात कराते हुए बच्चे को दिखाया गया तब जाकर बच्चे के दादा ने संतुष्टि जाहिर की।
एक विडम्बना ये भी है कि ये आदिवासी परिवार आज भी कुएं के पानी से गुजारा करने मजबूर है, नलजल जैसे सरकार के योजना यहां पिछले छः महीने से लगा तो है इनके घर भी नल कनेक्शन लगा तो है पर अब तक शो पीस ही है शुरू नहीं हो पाया है अगर नलजल शुरू हो जाता तो कुएं को बंद कर देते उनका उपयोग ही नहीं करते।
आदिवासी व विशेष पिछड़ी जनजाति के बाहुल्य ग्राम केरगांव के पारा घोठियादादर चौदह घरों का है जहां इस 25 वर्षीय आदिवासी बच्ची ने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए अपने ही भाई के बच्चे को जान की बाजी लगाकर बच्चे की जान बचाई। जिसे प्रशासन और सरकार को इन्हें सम्मानित करना चाहिए, जिससे ऐसे आदिवासियों बच्चियों में हिम्मत और हौसले से अन्य लोगों को सीख मिले।