प्राकृतिक संसाधन की रक्षा जरूरी,जंगल में आग न लगाए समाजसेवी ने की अपील

*छुरा@@@@@ इन दिनों गर्मी का मौसम चालू होते ही लोग जंगल में आग लगा देते हैं। इससे कई प्रकार के सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं। इसे देखते हुए समाजसेवी मनोज पटेल ने सभी लोगों से मानवता का परिचय देते हुए जंगल में आग ना लगाने अपील की। प्राकृतिक संसाधन सामान्य रूप से प्राकृतिक के द्वारा दिया गया एक बहुमूल्य उपहार है। सूरज की रोशनी, पानी, मिट्टी और हवा प्राकृतिक संसाधनों के कुछ ऐसे बहुमूल्य हमारी पृथ्वी पर विद्यमान है, जो मानव के हस्तक्षेप के बिना स्वाभिमानी रुप से उत्पत्ति होते हैं। यह प्राकृतिक में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। हालांकि ऐसे और कई अन्य प्राकृतिक संसाधन भी है।जो आसानी से नहीं मिलते जैसे खनिज और जीवाश्म ईंधन। प्राकृतिक संसाधन वे संसाधन होते हैं, जो प्राकृतिक द्वारा प्राप्त होते हैं। प्राकृतिक संसाधनों के कुछ उदाहरण जैसे पानी, वायु, सूरज की रोशनी,लकड़ी,खनिज प्राकृतिक गैस इत्यादि है। जिन्हें प्राप्त करने के लिए मनुष्य को काम करने की आवश्यकता नहीं पड़ती जबकि कई ऐसे प्राकृतिक संसाधन भी है जो प्राकृतिक में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। जिसे लोग अलग-अलग आवश्यक चीज बनाने के लिए उपयोग करते हैं। परंतु उन्हें पूर्ण रूप से तैयार करने में लोगों को काफी समय लग जाता है और वह स्वतंत्र रूप में उपलब्ध भी नहीं हो पाते। इसलिए समाजसेवी मनोज पटेल ने सभी जनों से जंगल में आग ना लगाने अपील की।

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