दुर्ग। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के जन्म दिवस पर दुर्ग जिले के ग्राम रिसामा में यूनिसेफ एवं आल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस छत्तीसगढ़ द्वारा बाल दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू थे। विश्व बाल दिवस के अवसर पर वैश्विक अभियान #GoBlue के तहत ग्राम रिसामा को नीले रंग में रंगा गया।
कार्यक्रम की शुरुवात में अतिथियों द्वारा भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पालकों से निवेदन करते हुए कहा की बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अच्छा नागरिक बनाने के लिये संस्कार की शिक्षा जरूर दें। इस मौके पर बच्चों ने गृहमंत्री से विभिन्न सवाल भी पूछे जिसकी श्री साहू ने बड़ी सहजता के साथ मुस्कुराकर बच्चो के द्वारा किये गए हर प्रश्नन का जवाब दिया। सार्थक संवाद कार्यक्रम के तहत स्कूल के बच्चे सेजल ने गृह मंत्री से पूछा कि आप क्या बनना चाहते थे?तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मैं डाक्टर बनना चाहता था।वसुंधरा ने पूछा कि परीक्षा के समय घबरा जाती हूं। तब श्री साहू ने कहा कि कभी नही डरना चाहिए, मन शांत करके प्रश्नन का उत्तर देना चाहिये। पायल पटेल ने पूछा कि इंग्लिस मिडियम ठीक है कि हिंन्दी मिडियम।इसका जवाब बड़े ही सहजता के साथ उन्होंने दिया।उन्होंने कहा कि इंग्लिस व हिंदी दोनो ठीक है।हिंदी हमारी मातृ भाषा है, जबकि इंग्लिस अन्य देश की भाषा है। कु तामेस्वरी पटेल ने पूछा कि क्या आपने सोचा था कि आप गृह मंत्री बन जायेंगे।इस प्रश्नन का जवाब देते हुए गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मैं कभी नही सोचा था कि मैं गृह मंत्री बनूगा।जब मैंने गृह मंत्री बनने के बाद छग के सीएम भूपेश बघेल से पूछा कि आपने मुझे क्यो गृह मंत्री बनाया। तो उन्होंने कहा कि आपको गुस्सा नही आता इसलिये गृह मंत्री बनाया गया है। राजनीति में जाने का कभी नही सोचा था। लेकिन गाँव मे साथियों ने नवयुवक मंडल का अध्यक्ष बनाया दिए उसके बाद पंच, सरपंच, जनपद ,विधायक, सांसद बन गया।
परीक्षा में घबराहट से कैसे सामना करें?
कुछ बच्चो ने परीक्षा की घबराहट होने की सवाल किया कि इनसे सामना कैसे करें श्री साहू ने बच्चों से कहा कि परीक्षा से घबराने की जरूरत नही है। पूरे साल आपके शिक्षकों द्वारा सभी विषय की पढ़ाई करवाया जाता है। परीक्षा में आपके पुस्तक से बाहर का प्रश्न नही पूछा जाता आप लग्न के साथ पढ़ाई करेंगे तो सभी प्रश्नों की जवाब लिख सकते है।
आपको किस तरह के फ़िल्म देखते थे?
एक बच्चे ने श्री साहू पूछा कि आप बचपन मे फिल्में देखते थे कि नही और किस तरह की फिल्मों के शौकीन थे। जिस पर उन्होंने कहा कि उस समय टेलीविजन बहुत कम हुआ करता था और टाकीज भी नही होता था। चटाई से बने टॉकीज में रात को फिल्में दिखाई जाती थी। स्कूल के समय कभी फिल्में देखने का मन हुआ करता था तो देशभक्ति से प्रेरित फ़िल्म देखते थे।
बाल दिवस के अवसर पर स्कूली बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये। इस मौके पर प्रमुख रूप से पूर्व विधायक प्रतिमा चन्द्राकर,आल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष क्षितिज चन्द्राकर,जिला पंचायत सदस्य योगिता चन्द्राकर,माटी कला बोर्ड अध्यक्ष बालम चक्रधारी,केश कला बोर्ड अध्यक्ष नंदकुमार सेन, जनपद अध्यक्ष दवेंद्र देशमुख,जनपद उपाध्यक्ष झमित गायकवाड़,सरपंच गीता महानन्द, सैम सुधीर बंडी, डी श्यामकुमार,बीईओ गोविंद साव,एमसीसीआर सदस्य बलराम यादव,किशन हिरवानी,देवेंद्र पटेल, संजय साहू एवं सहित अन्य उपस्थित थे।