परियोजना लागत पर 35 प्रतिशत सब्सिडी, ग्रामोद्योग की योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं हितग्राही

  • प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम दोनों के अंतर्गत कर सकते हैं आवेदन पीएमईजीपी और सीएमईजीपी के अनुदान लक्ष्य जारी

दुर्ग। पीएमईजीपी के अंतर्गत 1 करोड़ 17 लाख रूपए की राशि एवं सीएमईजीपी के अंतर्गत 32 लाख रूपए के अनुदान राशि का लक्ष्य रखा गया है। खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा अपना उद्यम खड़ा करने के इच्छुक हितग्राहियों के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम लाया गया है। जिसमें परियोजना लागत पर 35 प्रतिशत सब्सिडी हितग्राहियों को मिल सकती है। अजा, अजजा एवं ओबीसी के हितग्राही इसका लाभ उठा सकते हैं। एक लाख रुपए तक की परियोजना के लिए पांचवी उत्तीर्ण होना आवश्यक है और तीन लाख हेतु आठवीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। सेवा क्षेत्र के लिए एक लाख रुपए तक ऋण राशि और विनिर्माण क्षेत्र के लिए तीन लाख रुपए तक की राशि का ऋण लिया जा सकता है। परियोजना लागत का 5 प्रतिशत अंशदान स्वयं हितग्राही को देना होगा। सहायक संचालक ग्रामोद्योग सविता तिवारी ने बताया कि इसकी प्रक्रिया बहुत सरल है और विभाग द्वारा आवेदनों पर तेजी से कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि छोटे छोटे उपक्रम जैसे मोबाइल रिपेयर शाप खोलना है या आटा चक्की खोलनी है। टेंट हाउस का काम करना है अथवा ब्यूटी पार्लर आरंभ करना है। हम इसके लिए मदद करते हैं और काउंसिलिंग भी करते हैं। सेवा क्षेत्र में सायकल, मोबाइल, इलेक्ट्रानिक रिपेयरिंग, ब्यूटी पार्लर, फोटोकापी, आटा चक्की, टेलरिंग, बढ़ईगिरी, सेंट्रिंग, टेंट हाउस आदि के लिए आवेदन कर सकते हैं। विनिर्माण क्षेत्र में दोना पत्तल, फैब्रिकेशन, डेयरी, साबुन, मसाला, दलिया, नूडल्स, मिनरल वाटर, फ्लाई एश ब्रिक्स निर्माण, राइस मिल, पशुचारा निर्माण का काम आरंभ कर सकते हैं। 18 वर्ष से 45 वर्ष के उद्यमी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कई बार महिलाएं घर बैठे भी कार्य करना चाहती हैं उनके लिए भी यह कार्यक्रम बहुत अच्छा है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा इन वर्गों के साथ ही सामान्य वर्ग के लोग पीएमईजीपी का लाभ उठा सकते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए जिला पंचायत परिसर में स्थित खादी ग्रामोद्योग विभाग से संपर्क किया जा सकता है।

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