निर्मल मन और स्थिर चित से भागवत श्रवण करने से मिलेगा लाभ-आचार्य शिवानंद

जामगांव (आर). राधे राधे समिति जामगांव (आर) की ओंर से नगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह की शुरुवात रविवार को कलश यात्रा के साथ हुई। नगर के बाजार चौक से शीतला तालाब तक श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा निकालकर वरुण देव का पूजन किया। कथास्थल में विधिवत गणेश पूजन कर वेदी में भागवत जी की स्थापना की गई।

जामगांव आर में कलश यात्रा के साथ शुरू हुआ भागवत कथा सप्ताह

उपरांत वृंदावन से पधारे कथावाचक आचार्य शिवानंद महराज ने प्रथम दिवस भागवत महात्म्य से धर्मचर्चा शुरू करते हुए कहा कि भागवत के ज्ञानामृत को आत्मसात कर लेें तो जीवन से सारी उलझने समाप्त हो जाएगी,भगवान की लीला अपरंपार है,वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य को धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। आचार्य ने श्रीमदभागवत कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है आवश्यकता है निर्मल मन और स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की ।
कथावाचक आचार्य शिवानंद ने अच्छे और बुरे कर्मो की परिणिति को समझाते हुए आत्मदेव के पुत्र धुंधकारी ओर गौमाता के पुत्र गोकरण के कर्मो के बारे में विस्तार से कथावृतांत समझाया और कहा कि मनुष्य जब अच्दे कर्मो के लिए आगे बढता है तो सम्पूर्ण सृष्टि की शक्ति समाहित होकर मनुष्य के पीछे लग जाती है ओर हमारे सारे कार्य सफल होते है। ठीक उसी तरह बुरे कर्मो की राह के दौरान सम्पूर्ण बुरी शक्तियॉ हमारे साथ हो जाती है,इस दौरान मनुष्य को निर्णय करना होता कि उसे किस राह पर चलना है! कथास्थल में पं मुकेश शुक्ला,डीडी मानिकपुरी,जालम सेन, विष्णु विश्वकर्मा, राजेश राजन,सुनील चन्द्राकर,टीकू, भींगज,लुकेश्वर नेताम,डोमन निर्मलकर, तामेश्वर ठाकुर,चैन सिंह ठाकुर,कांति ठाकुर,उमा चन्द्राकर,नोहर नेताम,दिवाकर साहू,श्याम ऋषि चन्द्राकर सहित अन्य श्रद्धालुजन मौजूद थे।

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