फसल अवशेष को आग नहीं लगाने कर रहे हैं लोगों को जागरुक यादव

परमेश्वर कुमार साहू@गरियाबंद। लोहरसी ‌(राजिम) निवासी राजकुमार यादव फसल कटने बाद बचे हुए पैरों को आग नहीं लगाने का संदेश छत्तीसगढ़ी गीतों को यूटुब सोशल मीडिया के माध्यम से गीत गाकर किसानों को चार वर्षों से जागरुक कर उल्लेखनीय कार्य कर रहा हैं विडम्बना यह है कि शासन द्वारा बार बार निर्देश करते रहने के बावजूद लोग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं कुछ असामाजिक तत्व के लोग जानबूझकर पैरा मे आग लगा देते है ऐसे लोगों के उपर शासन प्रशासन कानूनी कार्रवाई नही करेगा तो यह सिलसिला चलता रहेगा इसलिए अंचल और जिले के लोक कलाकार राजकुमार यादव एंव उनके पुत्री कु. नंदनी यादव यह प्रशंसनीय कार्य कर रही है जिसकी चर्चा अंचल में विशेष रूप से की जा रही है वास्तव मे लोग अपने निजी सहुलियत और स्वार्थ वश रबि और खरीफ में धान कटाई के बाद बचे हुए अवशेष अर्थात पैरा पुआल को खेतों में ही जलाकर नष्ट कर देते हैं किंतु देखा जाए तो हमारे पशुधन गाय बैल भैसों के पौष्टिक चारा की व्यवस्था इन्हीं पुआलों में पूर्ति होती है जिसे किसान जलाकर नष्ट कर देते हैं साथ ही साथ पशुओं के गोबर और पैरा से मिश्रित जैविक खाद और कम्पोस्ट खाद निर्माण किया जाता है किंतु उसे जला देने से खाद निर्माण तो दूर बल्कि हमारे खेतों में पहले से मौजूद कृषि मित्र कीट भी जलकर मर जाते हैं छोटे छोटे पेड पौधे जलकर नष्ट हो जाते है और पैरा जलने से वायुमंडल भी प्रदूषित होने का खतरा बना रहता है इसलिए इस बहुउपयोगी पैरा को नहीं जलाने का आग्रह हमारे अंचल के लोक कलाकार राजकुमार यादव कु नंदनी यादव बड़े ही सुमधुर स्वर लहरियों में विगत 4 सालो से युटूब में गाकर जन जागरुकता लाने की अनूठा पहल कर रहे है आपको बतादे की गरियाबंद जिला के कलेक्टर रहे श्याम धावडे ईस संदेश प्रधान गीतो को सुनकर नंदनी को समानित भी किया । चर्चा के दौरान यादव ने बताया की गीत संगीत के माध्यम से हम शासन की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओ के प्रचार प्रसार स्वथ मनोरंजन के साथ साथ जन जागरुता लाने का प्रयास करते है
गौकरण मानिकपुरी

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