धर्म-कर्म :- अछोली के सरस्वती चौक में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा, उमड़े श्रद्धालु


भगवान की कृपा के लिए सादगी और भक्ति जरूरी : बल्लू शर्मा देवरीबंगला / भगवान की कृपा के लिए सादगी और भक्ति जरूरी है। कृपा के बगैर तो आदमी चल भी नहीं सकता आज कोई आदमी भला चंगा है, सफल है पर कल ही मालूम होता है कि वह बहुत संकट में है। इसके विपरीत आज कोई परेशान है पर देखते ही देखते वह सफलता की शिखर पर पहुंच जाता है। इसलिए ईश्वर की कृपा जरूरी है। उक्त बातें नजदीकी गांव अछोली में स्थित सरस्वती चौक में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भरत प्रसंग के दौरान खैरवाही (गुरुर) के आचार्य पंडित बल्लू शर्मा ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भगवान के आगे किसी का इनकार नहीं चलता और जो अभिमान करता है उसका अंत अवश्य होता है। कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। बल्लू महाराज ने कहा कि भगवान इंद्र जब क्रोध में थे तब उन्होंने वर्षा करके कहर बरपा दिया। चारों ओर हाहाकार मच गया था। गांव जलमग्न होने लगे तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उंगली पर उठा लिया गांव के सभी लोग गोवर्धन पर्वत की नीति आ गए और वहां शरण ली। श्री कृष्ण ने इंद्र का मान नष्ट करने गिरिराज की पूजा कराई थी सब सभी ब्रिज वासियों ने गोवर्धन पहुंचकर गोवर्धन पर्वत का पूजन किया। उन्होंने कहा कि आज भी वृंदावन के बांके बिहारी को दिन में 8 बार भोग लगाया जाता है।

कथा के दौरान प्रवचनकर्ता ने परीक्षित श्राप व कलियुग दर्शन की कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि व्यक्ति को धन के चक्कर में नहीं दान, धर्म एवं भगवान की भक्ति मैं जुटना चाहिए। अंत समय में धन दौलत नहीं साथ जाएगा तो सिर्फ किया गया दान, धर्म व भगवान की भक्ति, बाकी सब यही रह जाएगा। कथा के मुख्य यजमान श्याम बाई, धर्मेंद्र तिवारी तथा सरपंच कविता तिवारी है। श्रीमद् भागवत कथा के परायणकरता पंडित घनश्याम तिवारी है।

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