पाटन। दुर्ग जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने आज पाटन ब्लाक में नरवा संरचनाओं का विस्तृत अवलोकन किया। उन्होंने जर्जर हो चुके चेकडेम के जीर्णाेद्धार के निर्देश दिये तथा साथ ही डिसेल्टिंग कार्य भी तेजी से करने कहा। सीईओ सबसे पहले लोहर्सी-ठकुराईन टोला पहुँचे। यहां लगभग साढ़े पांच किमी लंबाई में नाला जीर्णाेद्धार का काम हो रहा है। सीईओ ने कहा कि डिसेल्टिंग से पानी ठहरेगा जैसा प्रथम चरण में हुए कार्यों के पश्चात परिलक्षित हो रहा है। इसके साथ यह भी जरूरी है कि नालों के किनारे सघन पौधरोपण हो। सघन पौधरोपण होने के चलते पानी जमीन में ठहरता है और वाटर लेवल में वृद्धि होती है। नालों के किनारे सघन पौधरोपण होने से इसका और भी ज्यादा लाभ मिलेगा। उन्होंने लोहर्सी खुड़मुड़ी नाला भी देखा, यहां भी चेकडेम जीर्णाेद्धार और डिसेल्टिंग का काम चल रहा है। सीईओ ने आज तुलसी, चंगोरी, खुड़मुड़ी, बटंग, खम्हरिया, कुरुदडीह और उफरा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अप्रारंभ कार्यों को भी तेजी से करने के निर्देश दिये। सीईओ ने नरवा प्रोजेक्ट के अधिकारियों को डाइक जैसी संरचनाओं को बनाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा निर्धारित नरवा प्रोजेक्ट के मुताबिक अलग-अलग भूमि संरचना के मुताबिक अलग-अलग तरह की संरचनाएं उपयोगी होती हैं। इसके मुताबिक कार्य करें। नरवा योजना शासन की सबसे प्राथमिकता वाली योजना है क्योंकि यह सीधे भूमि जलस्तर को बढ़ाने के लिए उपयोगी है। खेती किसानी की तरक्की के लिए पानी की उपलब्धता जरूरी है। प्रथम चरण में जो बेहतर कार्य हुआ है, उससे उम्मीदें बढ़ी हैं। दूसरे चरण के कार्यों के पूरा होने से बड़े इलाके में भूमिगत जल के स्तर में बढ़ोत्तरी होगी।