- यह योजना अब तक अधूरी, ट्रायल भी नही हुवा..
- गौरव पथ व उतई मचांदूर मार्ग दोनो की यही स्थिति..अधिकारी आखिर क्यों कर रहे अनदेखी..आंखे बंद कर जनता के पैसों की बर्बादी क्यों..
सतीश पारख@ उतई। दुर्ग ग्रामीण विधान सभा का नगर पंचायत उतई इन दिनों काफी चर्चा में है । बहुत से ऐसे मामले है जिसके चलते जनता का मुड़ सत्ता पक्ष के खिलाफ नजर आता है। जिसके परिणाम स्वरूप ही माह भर पूर्व हुवे एक वार्ड के उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ना सिर्फ चौथे स्थान पर रहे अपितु अपनी जमानत भी नही बचा पाए। बहुतायत मुद्दों में एक यह है कि लोक निर्माण विभाग से हस्तांतरित कर नगर पंचायत द्वारा बमुश्किल एक आधा किलोमीटर में करोड़ों की लागत से गौरव पथ के नाम पर सड़क का निर्माण किया जा रहा है जो वर्षों से कछुआ चाल पर हो रहा है ।भाजपा शासन में स्वीकृत इस मार्ग निर्माण हेतु तात्कालीन विधायक व मंत्री श्रीमती रमशिला साहू ने इस कार्य हेतु भूमि पूजन किया किन्तु सरकार रहते नही बन पाया और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई।वर्तमान विधायक व सरकार में दूसरे नंबर के सबसे बड़े मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भूमि पूजन किया जिसे तीन वर्ष हो रहे किंतु यह आधा किलोमीटर की सड़क अब तक अधूरी है कार्य प्रगति पर हैं।
आधी सड़क का निर्माण पूर्ण कर दिया गया है किंतु सड़क के दोनो और मुरूम की जगह ठेकेदार द्वारा मिट्टी डलवा देने से सड़क पर अब भी भारी वाहनों की आवाजाही से उड़ने वाले धूल के गुबार से व्यापारियों व आमजन को राहत नहीं मिल पाई है।
लगभग यही स्थिति उतई मचांदूर मार्ग की है ।इन दोनो ही सड़कों के बीचों बीच तात्कालीन मुख्यमंत्री रहे स्व मोतीलाल जी वोरा के कार्यकाल में करोड़ों में शिवनाथ से पानी लाने हेतु बनी व भाजपा शासन में प्रारंभ हुई वृहद पेयजल योजना की पाइप लाइन बिछाई गई है ।जिसका अब तक ट्रायल भी नही हुआ है क्योंकि यह योजना अब तक प्रगति पर व अपूर्ण है।जिस दिन यह योजना प्रारंभ होगी और पाइप लाइनों में पानी सप्लाई ट्रायल होगा । उस दिन होने वाली समस्याओं की ओर किसी का ध्यान नहीं हैं यदि पाइप लाइनों में लीकेज आया जो आम बात है तो ऐसी स्थिति में सड़कों की पुनः खुदाई करनी पड़ेगी जिससे करोड़ों की बनी सड़कों का क्या होगा ।क्या ठेकेदार से इन सभी पहलुओं पर चर्चा हुई है की यदि ऐसा हुआ तो ठेकदार मरम्मत करेगा या इसका संपूर्ण भार नगर सरकार पर व उतई मचादुर मार्ग पर लोक निर्माण विभाग पर पड़ेगा ।क्या तब विभाग सड़कों की मरम्मत ठेकेदारों की तय सीमा के अंदर कहकर मरम्मत करवाएगा या पल्ला झाड़ लेगा।
सभी पहलुओं पर बारीकी से अध्ययन किया जाय तो निर्माणाधीन सड़कों के इस्टीमेट में क्या इसे जोड़ा गया है क्या ठेकेदारों को इस विषय पर जानकारी देकर भविष्य में आ सकने वाली इस समस्या के समाधान हेतु नगर पंचायत प्रतिनिधि व अधिकारी सहित लोक निर्माण विभाग के उच्च अधिकारियों ने इस पर कोई रूपरेखा तैयार की है ।या सिर्फ वर्तमान को देखते हुवे जनता के पैसों की बर्बादी की जा रही है ।