योजना हुआ छुरा ब्लॉक में पूरी तरह फेल ,किसी ने टाइल्स लगवाया ,किसी ने कार्यक्रम तो किसी ने लगा दिया बिना समान खरीदे फर्जी बिल,
परमेश्वर कुमार साहू,गरियाबंद
स्कूली बच्चों को खेल के माध्यम से शारीरिक और मानसिक रूप से फिटनेस बनाने के लिए बनाई गई खेलगढ़िया योजना का गरियाबंद जिले के आदिवासी ब्लॉक छुरा में बूरा हाल है।शासन की यह महत्वपूर्ण योजना , जिम्मेदारो की कमिशन नीति के चलते पूरी तरह फ्लॉप होता नजर आ रहा है।जिसके चलते स्कूली बच्चो को शासन की इस योजना का लाभ नहीं मिल सका और छुरा ब्लॉक में इस योजना ने पूरी दम तोड दिया।
गौरतलब है कि शासन द्वारा खेलगढ़िया योजना के तहत वर्ष 2019-20 में स्कूलों में बच्चो के खेल सामग्री के लिए प्राथमिक स्तर पर 5 हजार और माध्यमिक विद्यालयो को 10 हजार की राशि सीधे शाला प्रबंधन समिति के खाते में प्रदान किया था।जिसमे खेल सामग्री खरीदी के लिए संबंधित संस्था के प्रधान पाठको को अहम जिम्मेदारी सौंपा गया था।लेकिन शासन द्वारा इन शिक्षको को सारी सुविधांए मिलने के बावजूद भी बच्चो के लिए बनाई गई खेलगढ़िया योजना की राशि में ही डांका डाल कमिशन निकाल लिया। ये बाते सभी जानते है कि शिक्षक का दर्जा समाज में सबसे ऊपर है ,लेकिन लापरवाह और कमिशन खोर शिक्षको ने शासन की महत्वपूर्ण राशि और बच्चो की योजना में कमीशनखोरी और फर्जीवाड़ा कर शिक्षक के विपरित कार्य करने भी से बाज नहीं आए और ब्लाक के अधिकतर स्कूलों के शिक्षको ने फर्जी बिल से योजना की राशि का आहरण कर लिया।तो वहीं बहुत से स्कूलों में इस राशि को स्टीमेट से बाहर खर्चकर लापरवाहो ने शासन की योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ा।
इस मामले लेकर हमारे संवाददाता ने सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर ब्लाक भर के स्कूलों का पड़ताल किया,तब इस मामले में चौकाने वाला खुलासा हुआ। ब्लॉक के अतरमरा संकुल अन्तर्गत दिवना के प्राथमिक और माध्यमिक शाला में खेलगढ़िया योजना की प्राप्त राशि में शासन की सारे निर्देशों और स्टीमेट के विपरीत राशि को खर्च कर दिया गया।
दिवना के जिम्मेदार और लापरवाह शिक्षको द्वारा सारे नियमो को ताक में रखकर शासन की राशि को दुरुपयोग करने से बाज नहीं आए और अपनी कमिशन नीति निकालने उक्त योजना की राशि को,माता उन्मुखीकरण, लईका मड़ई जैसे कार्यक्रम कर बिल पेश कर दिया।इतना ही नहीं माध्यमिक शाला दिवना के एचएम पी.के.वर्मा जो शिक्षको के विपरित कार्य कर हमेशा लेट से स्कूल पहुँचते हैं और ज्यादातर अनुपस्थित रहते है।उनके द्वारा खेलगढ़िया योजना की राशि को प्राक्कलन से बाहर जाकर पेन, कापी,माइक , टेंट और पारिश्रमिक पर व्यय कर शासन को चुना लगाकर योजना को फेल करने में लगे है।जबकि इस राशि का उपयोग केवल खेल सामग्री में ही करने का स्पस्ट रूप से निर्देश उच्च विभाग द्वारा किया गया है उसके बावजूद भी जिम्मेदारो द्वारा नियम विरूद्ध राशि को खर्च कर शासन के सारे आदेशों की धज्जियां उड़ा डाले।वहीं ब्लाक के आखिरी छोर पर स्थित केंवटीझर प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों में लापरवाही का आलम इस कदर है की बच्चो के खेलगढ़िया के तहत प्राप्त राशि को खेल सामग्री खरीदने के बजाय टाइल्स लगाकर बच्चो के हक पर डांका डाला दिया और खेल सामग्री का फर्जी लगाकर शासन को एक बड़ा धोखा दिया है।जो सारे नियमो के विपरित है। केंवटीझर के एचएम धर्मीन कंवर की गैरजिम्मेदाराना हरकत के चलते यहां के स्कूली बच्चे शासन की अति महत्वपूर्ण योजना खेलगढ़िया योजना से पूरी तरह वंचित हो गए।जब केंवटीझर के एचएम को खेल सामग्री को लेकर सवाल किया गया तो पहले तो वे गोलमोल जवाब देते रहे फिर बाद में खुद कबूल किए की खेलगढ़िया योजना के तहत प्राप्त 5 हजार की राशि से स्कूल में टाइल्स बिछाए है। जिसे संकुल समन्वयक के आदेश पर की है।जो हमारे कैमरे में कैद हो गया। बावजूद भी विभाग के जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारियों को इस ओर झांकने तक की फुरसत नहीं है।पूरे ब्लाक भर में खेलगगढ़िया राशि में जमकर हेराफेरी हुआ है लेकिन किसी भी जिम्मेदारो को कोई सरोकार नहीं है।इस योजना में हुई भारी अनियमितता की पोल को हम परत दर परत लगातार खोलेंगे।क्योंकि हमारे पास खेलगढ़िया योजना में हुए गोलमाल की अहम दस्तावेज है।इस पूरे मामले को लेकर छुरा बीआरसीसी महेश साहू को जानकारी देने पर मानसिक तनाव में होने की बात कहकर कुछ जवाब देने से मना कर दिया था।
दीवना माध्यमिक शाला के एचएम ने बनाया खुद का नियम
आपको बता दे की खेलगढ़िया योजना की राशि में केवल खेल सामग्री खरीदने के लिए उच्च विभाग द्वारा सभी स्कूलों को निर्देश के साथ साथ उनकी उचित देखरेख़ के साथ संस्था में रखने और उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का फरमान जारी किया गया था ।लेकिन दिवना माध्यमिक शाला के एचएम ने उक्त राशि को नियम विरूद्ध खर्च कर राशि का पूर्ण रूप से दुरपयोग किया है और खेलगढ़िया खेल सामग्री खरीदी की प्राक्कलन में एक नया नियम खुद जोड़ डाला। जब इस बारे में एचएम पी.के.वर्मा को सवाल किया गया तो उन्होंने ने कहा कि विभाग का निर्देश है कि खेलगढ़िया से प्राप्त 10 हजार राशि में 20 प्रतिशत स्टीमेट से बाहर खर्च कर सकते है।इसलिए हमने भी 20 प्रतिशत की राशि स्टीमेट से बाहर खर्च किया है और आपको पूछना है तो उच्च अधिकारियों से पूछ सकते हो।
वर्जन
सबसे पहले ब्लॉक अधिकारी की जिम्मेदारी होती है। ब्लॉक अधिकारी अगर कोई जांच कार्यवाही नहीं करेंगे तो जिला अधिकारी करेंगे।आपने मेरे संज्ञान में लाए है तो मै ब्लॉक वाले को निर्देशित करूंगा और भौतिक सत्यापन के लिए बोलूंगा। नियमानुसार जांच व कार्यवाही किया जाएगा।
श्याम चंद्राकर,डीएमसी,गरियाबंद