छत्तीसगढ़ सरकार के विफलता ने गरीबो के सपनो के घर से वंचित किया,,,


छुरा **** गरियाबंद जिला के सामाजिक कार्यकर्ता रूपसिंग साहू ने छत्तीसगढ़ राज्य के उन तमाम बेघर लोगों का सपना पूरा करने में राज्य सरकार विफलता की ओर जा रहा है प्रधानमंत्री आवास योजना में जो विसंगति आई है उनका हल राज्य सरकार को केंद्र सरकार से चर्चा के माध्यम से हर हाल मे निकाला जाना चाहिए था प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले पक्के मकानों की राह देख रहे गरीबों की सपना अधूरा नजर आ रहा है केंद्र सरकार ने राज्य को आवंटित 781999 मकान बनने के प्रोजेक्ट राशि को वापस जाना मतलब बेघर लोगों को राज्य सरकार मायूस किया है अब बेघर और गरीब लोग राज्य सरकार से उम्मीद लगाए हुए है कि अगर वह इस योजना में अपने अंस राशि समय रहते ही दे देते तो यह समस्या का निदान जरुर निकलता दूसरी ओर इस मामले में भूपेश बघेल के सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि क्योंकि यह योजना केंद्र सरकार की है इसलिए वही पूरा खर्चा वहन करेंगे बोल रहे हैं जबकि प्रदेश सरकार के मुख्या को इस प्रकार की गरीबों के साथ मदद करने के अलावा पैसा वापस कर रहे हैं यह अच्छी बात नहीं है बेघरों से जुड़े इस मामले में बेहतर होगा कि राजनीतिक टकराव को किनारा रखते हुए सरकार को संवेदनशीलता की ओर विचार करना चाहे विवाद करने से राजनीतिक लाभ हो सकता है लेकिन राज्य के बेघरों को घर नहीं मिल सकता सरकारों को सकारात्मक ढंग से विचार करना चाहिए समग्र रूप से स्पष्ट है कि पैसा वापसी तथा काम नहीं होने से राज्य सरकार गरीबों के साथ अन्याय करने में लगे हुए हैं आजादी के बाद दो से तीन दशक तक केंद्र राज्य संबंध मधुर रहे हैं लेकिन राज्यों में अलग-अलग दलों की सरकार बनने के साथ कटुता बढ़ती चली गई केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय योजनाओं में लगातार छत्तीसगढ़ को भरपूर अपना सहयोग माननीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में मिल रहा है राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना में बाधा उत्पन्न करना ठीक से क्रिया वान ना करना जैसे कि आयुष्मान भारत योजना मिड डे मील योजना मनरेगा योजना सर्व शिक्षा अभियान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आदि ऐसे ही योजनाएं हैं जिनमें उपरोक्त विसंगतियों को किसी न किसी रूप में देखा जा सकता है कई बार केंद्र राज्य की योजना में दोहराव विरोधाभाष और अस्पष्टता के चलते भी टकराव हो जाता है केंद्र का राज्यों के साथ हमेशा संवेदनशीलता व्यवहार रहा है प्रधानमंत्री आवास योजना में विसंगतियां आई है उनका हर हल चर्चा के माध्यम से निकाला जा सकता है तथा राज्य को भी अपनी नीतियों में केंद्रीय योजनाओं को अपनी स्थानीय नीतियों के समक्ष स्थान देने से धन की व्यवस्था हो सकता है साथ ही छत्तीसगढ़ के गरीबों को पक्का मकान का आशियाना मिल सकता है इस बात पर ध्यान देना चाहिए आवास योजना नाम से भले ही प्रधानमंत्री से जुड़ा है लेकिन प्रत्येक बेघर का सपना है कि उसका अपना घर हो सरकारे अपने दायित्व निभाना चाहिए था गरीबों के साथ मजाक उड़ाने वाली बात है आज पूरे भारत में 2023 तक सभी गरीबों को मकान बनाकर देने की संकल्प भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी का सपना राज्य सरकार ने अधूरा छोड़ दिया है इससे साबित होता है कि राज्य सरकार काम करने में विफलता की ओर भटक रहा है।

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