पांडुका वन परिक्षेत्र में चल रहे कार्य में भ्रष्टाचार की आ रही है बू… अपना खुद का कानून बनाकर वन परिक्षेत्र अधिकारी ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देने से किया इंकार

रिपोर्टर-परमेश्वर कुमार साहू

गरियाबंद। जिले में सूचना का अधिकार कानून महज एक मजाक बनकर रह गया है।कई ऐसे विभाग है जो जानकारी देने से बचने और अपनी करतूतों को उजागर होने के डर से कुछ भी नियम का हवाला देकर जानकारी देने में टालमटोल कर रहे है।लेकिन हद तो तब हो गई जब साहब सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी को व्यक्तिगत हेतु मांगी गई जानकारी बताकर बड़े महानुभवी वकील की तरह अपना खुद का कानून बनाकर जानकारी देने गुमराह करने में लगे है। जबकि शासन द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यों और उसके लिए दिए गए राशि सहित खर्च और भुगतान की जानकारी मांगना हर नागरिक का अधिकार है।शासन द्वारा पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से बनाई गई अहम कानून, सूचना के अधिकार को वन परिक्षेत्र कार्यालय पांडुका के जिम्मेदार अधिकारी खुलेआम ठेंगा दिखाकर खुद का कानून बनाने में लगे है।

गौरतलब है कि शासन द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए वन विभाग को लाखो करोड़ों रुपए की राशि दे रहा है।ताकि वनों का संरक्षण हो सके।लेकिन वनों की सुरक्षा के लिए तैनात जिम्मेदार ही वन विकास के लिए शासन द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण राशि का भक्षक बन गए है।वन परिक्षेत्र पांडूका अन्तर्गत वर्तमान में चल रहे कार्य में भारी अनियमितता बरती जा रही है और राशि का बंदरबाट किया जा रहा है।
इस परिक्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार करने कार्यों में जमकर लापरवाही बरत रहे है।अपने कारनामों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले वन परिक्षेत्र पांडुका में वर्तमान में चल रहे कामो में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की बू आ रहा है।जिसकी जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगा गया था।लेकिन यहा के अधिकारी ,कर्मचारी द्वारा अपना खुद का कानून बनाकर जानकारी देने में गुमराह कर रहा है। वन विभाग में चल रही अनियमितता की लगातार पड़ताल जारी है और जल्द मामलों को सार्वजनिक किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *