चुनाव मैदान में उतरने से पहले ही सरोज पांडेय ने मान ली हार–राजेंद्र साहू

दुर्ग। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय के बयान पर करारा प्रहार करते हुए सवाल किया है कि क्या सरोज ने अभी से हार स्वीकार कर ली है? राजेंद्र ने कहा कि महापौर चुनाव सीधे मतदाताओं के माध्यम से कराने संबंधी सरोज पांडेय के बयान से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा ने चुनाव मैदान में उतरने से पहले ही अपनी पराजय स्वीकार कर ली है।
राजेंद्र ने कहा कि सरोज को याद करना चाहिये कि पिछले दो चुनाव में भिलाई नगर निगम में सीधे मतदाताओं के माध्यम से महापौर चुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशियों ने जोरदार जीत दर्ज की। 2015 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव ने भाजपा प्रत्याशी विद्यारतन भसीन को लगभग 45 हजार से ज्यादा वोटों से पराजित किया। सरोज पांडेय को इस तथ्य को याद कर लेना चाहिये। वे अपने अहंकार का दंभ न भरें।
राजेंद्र ने कहा कि सरोज को याद रखना चाहिये कि 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने भाजपा को 90 में से मात्र 15 विधायकों में समेटकर रख दिया था। प्रदेश की जनता ने 2019 के नगरीय निकाय चुनाव में 10 में से 10 नगर निगम में कांग्रेस प्रत्याशियों को बहुमत से विजयी बनाकर महापौर बनाया। साथ ही अधिकांश नगर पालिका और नगर पंचायत में कांग्रेस के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष जीतकर आए। पंचायत चुनाव में भी अधिकांश जिला पंचायत व जनपद पंचायत में कांग्रेस के ही अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस प्रत्याशियों को विजयी बनाया।
सरोज पांडेय के 20-20 के बयान पर पलटवार करते हुए राजेंद्र ने कहा कि भाजपा ने मात्र 6 माह के भीतर 4 राज्यों में मुख्यमंत्री बदल दिये। यह घटनाक्रम उन प्रदेशों के निवर्तमान मुख्यमंत्रियों की नाकामी को दिखाता है। आगामी विधानसभा चुनाव में भी उन राज्यों में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को हार का भय सता रहा है। सरोज पांडेय, पवन साय सहित अन्य भाजपा नेता घर में बैठकर बयानबाजी करने की बजाय छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार द्वारा किये गए विकास कार्यों को गांवों और कस्बों में जाकर देखें। कोरी बयानबाजी से भाजपा नेताओं को कोई फायदा नहीं होगा।
राजेंद्र ने कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार ने अपने कार्यकाल में किसान, मजदूर, महिला समूह, युवा, व्यापारी वर्ग सहित जनहित में अनेक फैसले किये हैं और योजनाएं लागू की हैं, जिसका सुखद परिणाम प्रदेश में दिख रहा है। छत्तीसगढ़ की जनता ग्रामीण स्वावलंबन के साथ-साथ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रहे हैं। भाजपा नेता मुंगेरीलाल की तरह जीत का सब्जबाग देखने की बजाय केंद्र सरकार को पत्र लिखकर किसान हित में अनाज का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग करें। आम जनता के हित में पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस, खाद्य सामग्री सहित अन्य वस्तुओं के बढ़ते मूल्य को कम करने की मांग करें। भाजपा नेता समझ लें कि अगले नगरीय निकाय चुनाव में भूपेश सरकार के कामकाज और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत से आम जनता का आशीर्वाद कांग्रेस को मिलेगा।

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