- चिंतन शिविर में सार्थक बातें होती तो निरर्थक बयानबाजी नहीं करती
- नक्सली समस्या से निपटने में नाकाम रमन सिंह ने किसानों से भी बार बार वादाखिलाफी की : घड़ियाली नौटंकी करने की बजाय बताएं कि 15 साल में किसानों को कितनी राहत दी
दुर्ग। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के बयानों पर तीखा आक्षेप किया है। राजेंद्र ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में हुए भाजपा के चिंतन शिविर में पुरंदेश्वरी को समझ आ गया है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति क्या है। चिंतन शिविर के बाद खुद पुरंदेश्वरी चिंतित होकर घबराहट में बेतुके बयान देने लगी हैं।
बता दें कि बस्तर में हुए भाजपा के तीन दिवसीय शिविर के दौरान डी पुरंदेश्वरी ने कहा था कि भाजपा कार्यकर्ता अगर मुड़कर थूक भी दें तो कांग्रेस का मंत्रिमंडल बह जाएगा। राजेंद्र ने कहा कि स्पष्ट हो गया है कि तीन दिवसीय चिंतन शिविर में पार्टी में गुटबाजी और मुद्दाविहीन भाजपा नेताओं को देखकर पुरंदेश्वरी खुद घबरा गई है। चिंतन शिविर में अगर सार्थक बातें की गई होती तो पुरंदेश्वरी इतने निरर्थक और स्तरहीन बयान नहीं देती।
राजेंद्र ने रमन सिंह के बयानों पर भी तीखा पलटवार किया। रमन सिंह ने कहा है कि राज्य में उर्वरक की कमी है। इसका जवाब देते हुए राजेंद्र ने कहा कि रासायनिक खाद की कमी के लिये केंद्र सरकार ही जिम्मेदार है। उर्वरक की सप्लाई केंद्र सरकार ही करती है। कमी के लिये पूरी तरह केंद्र सरकार ही जिम्मेदार है। केंद्र सरकार द्वारा जब उर्वरक दिया ही नहीं जाएगा तो राज्य के किसानों को उर्वरक मिलेगा कैसे। रमन सिंह बताएं कि किसानों को उर्वरक सप्लाई के लिये उन्होंने केंद्र सरकार को कितने बार पत्र लिखा?
रमन सिंह द्वारा प्रदेश में सूखे की स्थिति से संबंधित बयान देने पर राजेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्थिति को भांपते हुए अकाल वाले क्षेत्रों के किसानों को भी 9 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से भुगतान करने की घोषणा की है। भूपेश सरकार किसानों को 9 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राशि पहले से प्रदान कर रही है। भूमिहीन मजदूरों को 6 हजार रुपए देने का निर्णय भी लिया गया है। रमन सिंह बताएं कि 15 साल के शासनकाल में उन्होंने किसानों के लिये क्या किया। किसानों का कितना कर्ज माफ किया। क्या उन्होंने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की। किसानों को कितने बार राहत दी गई?
राजेंद्र ने कहा कि रमन सिंह का यह बयान भी हास्यास्पद है कि प्रदेश में नक्सली मूवमेंट बढ़ा है। राजेंद्र ने कहा कि रमन सिंह के कार्यकाल में नक्सली समस्या इतनी ज्यादा थी कि उस समय कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के दौरान हमले में कांग्रेस के 29 प्रमुख नेता पदाधिकारी कार्यकर्ता शहीद हो गए। पिछले ढाई साल के भूपेश सरकार के कार्यकाल में नक्सली घटनाएं बढ़ी नहीं, बल्कि कमी आई है। इसी का नतीजा है कि निश्चिंत होकर बस्तर में भाजपा का तीन दिवसीय चिंतन शिविर हो पाया। यह सब सिर्फ भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार की नीतियों के कारण संभव हुआ।
राजेंद्र ने कहा कि इन निरर्थक बयानों से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा की स्थिति छत्तीसगढ़ में चिंतनीय और गंभीर है। भाजपा नेताओं के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है और वे घबराकर बेतुका बयान दे रहे हैं। अगर सचमुच छत्तीसगढ़वासियों की चिंता करते हैं तो उन्हें केंद्र सरकार को पत्र लिखकर रासायनिक खाद और सूखा राहत से राशि की मदद दिलाने का काम करना चाहिये।