पाटन क्षेत्र की महिला स्व-सहायता समूह रोजगार एवं उद्योग धंधे स्थापित करने के लिए उत्साहित.


(छत्तीसगढ़ कुटीर उद्योग समूह ने किया सहयोग का वायदा)

       फुण्डा (पाटन)। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन  जो कि छत्तीसगढ़ में "बिहान" के नाम से हर गांव में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के कारण गली-गली में चर्चित है, के दुर्ग जिले के पाटन जनपद  के अधिकारियों द्वारा अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत् ग्राम पंचायत फुण्डा में ग्राम संगठन की बैठक रखी गई थी। 
   पी.आर.पी. श्रीमती गीता साहू के कार्यक्षेत्र में आयोजित इस बैठक में  सरपंच श्रीमती रमा वर्मा, एडीओ संध्या सिंह,  यंग प्रोफेशनल आफिसर लोचनदास बंजारे, छत्तीसगढ़ कुटीर उद्योग समूह के संस्थापक सुमन सर, मैनेजर सेवक पटेल, फ्रेंचाइजी संजू साहू एवं गिरीश सिंग की विशेष उपस्थिति में एफएलसीआरपी श्रीमती हेमपुष्पा साहू, आरबीके श्रीमती लक्ष्मी साहू सहित   स्व-सहायता समूहों के अध्यक्ष, सचिव शामिल हुए।

बैठक की सफल व्यवस्था देने में ग्राम फुण्डा की सक्रिय महिलाएं श्रीमती दुर्गा वर्मा और श्रीमती सरिता वर्मा एवं सरपंच रमा वर्मा के समाजसेवी सुपुत्र श्री डिलेन्द्र वर्मा का विशेष सहयोग रहा।

लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आव्हान- “VOCAL FOR LOCAL” से प्रेरित होकर और हमारे छत्तीसगढ़ के ओजस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी द्वारा स्थानीय उद्योग-धंधे को बढ़ावा देते हुए “C-MART” के रूप छत्तीसगढ़िया बाजार की परिकल्पना से उत्साहित होकर “छत्तीसगढ़ कुटीर उद्योग समूह” के संस्थापक श्री चन्द्रकिशोर साहू “सुमन” ने बताया कि- इस फर्म की स्थापना एक ऐसे मिशन के रूप में की गई है जिससे हम अपने क्षेत्र में अपनी जरूरत की सामग्रियों को जितना संभव हो, अपने क्षेत्र में ही बनायें, बेचें और उपयोग करें। हमारा उद्देश्य है:

1- कुटीर उद्योगों का संचालन,
2- कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन,
3- मशीनरी की व्यवस्था,
4- रा-मटेरियल की सप्लाई,
5- बाजार उपलब्ध कराना,
6- प्रशिक्षण देना.
7- महिला स्व-सहायता समूहों को
रोजगार उपलब्ध कराना

वर्तमान में बिहान मिशन, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड तथा नाबार्ड के प्रशिक्षण एवं सहयोग से अनेक महिला स्व-सहायता समूह, युवा बरोजगार भैया-बहनें अपने स्वरोजगार तो स्थापित कर लिए हैं परन्तु कच्चे माल की खरीदी सहित उत्पादित सामग्रियों की गुणवत्ता के अलावा उनकी बिक्री/ मार्केटिंग आदि की परेशानियों से जूझ रहे हैं।

     तब इसके लिए छत्तीसगढ़ कुटीर उद्योग समूह प्रत्येक गॉवों में "हमर दुकान" के नाम से बिक्री केंद्रों की स्थापना कर कुटीर एवं लघु उद्योगों के द्वारा बनाए हुए सामग्रियों को उपभोक्ताओं तक घर-घर पहुॅचाने की योजना पर काम कर रहा है। इन केंद्रों पर सभी प्रोडक्ट्स की क्वालिटी अच्छी होगी, रेट कम होगा और ग्राहकों को तुरंत पांच प्रतिशत डिस्काउंट मिलेगा या बारह महीने लगातार खरीदी करने पर तेरहवें माह में औसतन एक माह का सामान बिल्कुल मुफ्त मिलेगा। भविष्य में गांवों में खोले जा रहे इन बिक्री केंद्रों को एक मिनी सुपर बाजार के रूप में विकसित भी किया जाएगा। 

इस बीच वाईपीओ लोचनदास बंजारे ने जानना चाहा कि यदि कोई महिला स्व-सहायता समूह अपने गांव में बिक्री केंद्र खोलते हैं तो कितना बजट और लाभ होगा तथा सामान कैसे उपलब्ध होगा? इसकी जानकारी देते हुए सुमन साहू ने बताया कि केवल दस-बीस हजार में दुकान खोला जा सकता है। आर्डर लिस्ट व्हाट्सएप से भेजने के बाद सामान हम पहुंचाकर देंगे, पहुंचाने का चार्ज नहीं लगेगा। बिक्री केंद्रों को तुरंत दस प्रतिशत कमीशन दे दिया जाता है। दुकान खोलकर नहीं बैठना है, ग्राहकों को सदस्य बनाकर घर पहुंच सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।

इस दौरान एडीओ संध्या सिंह ने जानना चाहा कि यदि हमारी महिला स्व-सहायता समूह कुटीर या लघु उद्योग लगाकर कोई प्रोडक्ट तैयार करते हैं तो वह कैसे बिकेगा। तब सुमन सर ने बताया कि यदि कोई समूह निर्माण के क्षेत्र में सामने आते हैं तो उन्हें मशीनरी, कच्चा माल, प्रशिक्षण तो देंगे ही, उनके द्वारा तैयार सारा माल हम खरीदते रहेंगे। उनका काम बनाना और मार्केटिंग की जिम्मेदारी हमारी होगी।

    फ्रेंचाइजी गिरीश सिंग ने लिज्जत पापड़ उद्योग की स्टोरी बताते हुए कहा कि सभी ईकाई मिलकर सहयोग करेंगे तो अवश्य सफलता मिलेगी। संजू साहू ने महिला स्व-सहायता समूहों के इस कार्य की सराहना करते हुए बताया कि 01 नवंबर 2020 से शुरू हुई इस योजना के अन्तर्गत अब तक विभिन्न विकास खंड के उनसठ महिला स्व-सहायता समूहों ने अपना स्वरोजगार प्रारंभ करते हुए बिक्री केद्रों की स्थापना कर अच्छा लाभार्जन कर रही हैं।   मैनेजर सेवक पटेल एक-एक सामान का प्रदर्शन करते हुए उनकी क्वालिटी और रेट की जानकारी दी तथा कीर्ति सोनवानी प्रोजेक्टर द्वारा संचालित बिक्री केंद्रों  एवं विभिन्न प्रोडक्ट के बनाने का वीडियो भी दिखाया।

    इस मोटीवेशन कार्यक्रम में

प्रतिभा निर्मल (सहायिका), सरस्वती यादव (सचिव), रेवती वर्मा (अध्यक्ष), खिलेश्वरी वर्मा (अध्यक्ष), नम्रता वर्मा (सदस्य), रानी देवांगन (सचिव), लीला वर्मा (सदस्य), डिम्पल वर्मा (अध्यक्ष), आरती देवांगन (अध्यक्ष), कविता डहरिया (सचिव), चन्द्रमुखी डहरे (अध्यक्ष), कुमारी कीर्ति सोनवानी (कंप्यूटर आपरेटर छ.ग.कुटीर उद्योग) सहित महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्य भी शामिल हुए।

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