रायपुर। कर्मचारी-अधिकारियों के हक के लड़ाई को जारी रखने छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन 8 अगस्त को राजधानी में न्याय सभा आयोजित करेगा। अगस्त क्रांति दिवस के पूर्व संध्या पर फेडरेशन से सम्बद्ध संगठनों के प्रांताध्यक्ष,महामंत्री, संभाग प्रभारी,संभाग संयोजक एवं जिला संयोजक राजधानी स्थित बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर वादा निभाओ प्रतीकात्मक आंदोलन करेंगे। फेडरेशन के महामंत्री आर के रिछारिया,मुख्य प्रवक्ता विजय झा,बी पी शर्मा, कोषाध्यक्ष सतीश मिश्रा एवं सचिव राजेश चटर्जी ने बताया कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने दिसंबर 2020 में कलम रख मशाल उठा आंदोलन,फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा के अगुवाई में लिपिक,शिक्षक, स्वास्थ एवं अन्य कर्मचारी संवर्ग के वेतन विसंगति के निराकारण; देय तिथि से महँगाई भत्ता स्वीकृति; सातवें वेतनमान के बकाया एरियर्स के 4 किश्तों का भुगतान; सभी शासकीय सेवकों को पदोन्नति एवं समयमान वेतनमान; सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी एवं सहायक शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृति ; कोरोना संक्रमण से दिवंगत शासकीय सेवकों के परिवार को 50 लाख अनुग्रह राशि प्रदान करने ;अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण ; जन घोषणा पत्र अनुसार चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान स्वीकृति सहित अन्य वायदों का क्रियान्वयन ; सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता एवं अन्य भत्तों की स्वीकृति; पुराना पेंशन योजना राज्य में लागू करने ; अनुकंपा नियुक्ति में 10 % सीलिंग समाप्त करने;चतुर्थ श्रेणी कार्यभारित/आकस्मिक कर्मचारियों का नियमितीकरण; पटवारियों को पदोन्नति एवं लैपटॉप तथा पेंशन प्रोसेसिंग सेल रायपुर में स्थापित करने के मुद्दों पर तीन चरणों में किया था।
पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार ने बेशक फेडरेशन के माँग पर अनुकंपा नियुक्ति में 10 % सीलिंग समाप्त करने का सामयिक फैसला लोकहित में लिया था। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना से राज्य के जनता की सुरक्षा एवं सेवा में अग्रणी रहने वाले शासकीय सेवकों के सेवा-हकदारी को देने के मामलों में सरकार हील- हवाला कर रही है। शासकीय सेवक अपने कर्तव्यों को बखूबी निभा रहे हैं। यहाँ तक कि अपने प्राण न्योछावर कर अपन कर्तव्य निभाये हैं।लेकिन सरकार उनके अधिकार को देने के मामलों में दोहरा नीति अपना रही है। जिसके कारण राज्य के कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारी-अधिकारी आक्रोशित हैं। पदाधिकारियों ने बताया कि कलम रख मशाल उठा आंदोलन के चौथे चरण में 20 जुलाई को 28 जिलों में फेडरेशन ने प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम केंद्र के समान 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता देय तिथि से देने ज्ञापन दिया था। मंत्रालय एवं संचालनालय के कर्मचारी -अधिकारियों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए मुख्यसचिव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया था। सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने अपने कलम रख मशाल उठा आंदोलन के पाँचवे चरण का ऐलान “अपने हक के लिए लड़ना है,फैसला आपको करना है” के नारे के साथ किया है। उनका कहना है कि 8 अगस्त को सम्बद्ध संगठनों के प्रांताध्यक्ष,महामंत्री, संभाग प्रभारी,संभाग संयोजक एवं जिला संयोजक/पदाधिकारी राजधानी में वादा निभाओ प्रतीकात्मक अनशन कर लंबित 16 प्रतिशत महंगाई भत्ता,राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने तथा 14 सूत्रीय मांगों के निराकरण हेतु शासन स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठन करने सरकार का ध्यान आकृष्ट करेंगे। यदि सरकार ने समय रहते निर्णय नहीं लिया तो आगामी चरणों में राज्यव्यापी आंदोलन होगा।