- “और अब तक का सफरनामा” विधानसभा पाटन- आलेख- अश्वनी साहू
- कहानी बन कर जिए इस जमाने में, लगेगी सदियां, उन्हें भुलाने में
25 मई 2013 को एक ऐसी घटना हुई जिसने न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश को हिला के रख दिया। बदलाव और परिवर्तन की लहर का बयार लेके निकले छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष, शहीद नंद कुमार पटेल के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने परिवर्तन का शंखनाद किया था l पूरे प्रदेश के अलग-अलग कोने से भाजपा के कुशासन को उखाड़ फेंकने के लिए “परिवर्तन यात्रा” कर रहे थे, उसी दिन बस्तर के झीरम घाटी का वह भयावह दृश्य जिस में नक्सलियों ने कांग्रेश के वरिष्ठ नेताओं को जिसमें शहीद नंद कुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार, विद्या चरण शुक्ल, योगेंद्र शर्मा, आदि लगभग 30 नेताओं को बंदूक का निशाना बनाकर मौके पर ही कांग्रेश के नेताओं को मार डाला गया ।
वह दृश्य आज भी कांगेस जनों को स्मरण है, और कई नेताओं को गोलिया भी लगी। झीरम घाटी के शहीद सभी नेताओं को सादर श्रद्धांजलि समर्पित एवं उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना का भाव प्रेषित है।
परिवर्तन के लिए गूँज रही थी, याद करो उस बोली को !
जो छाती को चीर गयी थी, याद रखो उस गोली को !!
कांग्रेस के इतिहास के पन्नों पर शहीदों के लहू से लिखा गया, कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं की नक्सलियो द्वारा हत्या ये देश कभी भूल नही पायेगा।उनका बलिदान और उनके शरीर से निकला एक-एक खून का कतरा छत्तीसगढ़ की माटी को और मजबूत और विकासशील बनाएगा। शहीदों का नाम सदा के लिए अमर हो गया है l
पाकर तुमको मृत्यु रोई, खोकर तुमको जीवन रोया।
खुलकर संगी साथी रोये, छुप छुप कर दुश्मन रोया।
2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बन जाएगी ऐसा माहौल पूरे छत्तीसगढ़ में दिख रहा था l कांग्रेस पार्टी ने “बलिदानी कलश यात्रा” निकाल कर पूरे प्रदेश में शहीदों को श्रद्धांजलि दिया, पर वक्त को कुछ और मंजूर था, कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई पर हमने अपने बड़े-बड़े नेताओं को खो दिया। कांग्रेस की गति धीमी एवं साख फीकी पड़ गई थी। इसके बाद जो हुआ 2018 के चुनाव में भाजपा सिमट गई और कांग्रेस चमक गई। यह सब सहज नहीं हुआ अनेकों संघर्षों के पश्चात छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी है।
हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिसे कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए गए तब असली जंग का ऐलान हुआ, चुनौतियां काफी थी, उनके सामने टूटे हुए कार्यकर्ताओं को साथ जोड़ना और मानसिक रूप से टूटे हुए कार्यकर्ताओं के मन में उत्साह और हौसला जगाना।
“चले थे अकेले मंजिल की ओर,
लोग मिलते गए कारवां बनता गया
ठीक उसके बाद बिलासपुर से रायपुर महतारी न्याय पदयात्रा की शुरुआत हुई सैकड़ों कार्यकर्ता पैदल चलते हुए राजधानी रायपुर तक पहुंचे l कांग्रेस कार्यकर्ताओं को विश्वास हुआ की रन योद्धा के रूप में भूपेश बघेल हैं l लगातार जनहित के मुद्दों पर भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में आंदोलन तेज किया जगह-जगह धरना प्रदर्शन, जेल भरो आंदोलन, पदयात्रा, आमरण अनशन आदि कार्यक्रमों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की जनता के दिलों में जगह बनाने में सफल दिखे l
कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता अपने सेनानायक भुपेश बघेल को पाकर उत्साह से लबरेज संकल्पित होकर कार्य करते दिखे l डोंगरगढ़ से रायपुर तक पदयात्रा, बस्तर से कोंडागांव तक पदयात्रा मानो पूरे छत्तीसगढ़ को पैदल चलकर लोगों के तकलीफों को करीब से देखने का अवसर भी मिला l इधर विरोधियों की बेचैनी बढ़ती जा रही थी, कैसे इस तूफान को रोका जाए, तब भाजपा की सरकार ने भूपेश बघेल को फसाने के लिए अनेकों यत्न किए यहां तक पूरे परिवार को प्रताड़ित करते रहे l बहुत चर्चित सीडी कांड में फसा कर जेल भेजने की तैयारी होने लगी तब भूपेश बघेल ने कहा कि मैं निर्दोष हूँ इसके बावजूद भी अगर सरकार लगता है तो मैं स्वयं जेल जाना स्वीकार करूंगा l तब जाकर छत्तीसगढ़ में पहली बार छत्तीसगढ़िया सरकार बनी, जो आप की सरकार है, मेरी सरकार है, हम सब की सरकार है l छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी है वह संघर्षों से, कार्यकर्ता की मेहनत से, एवं जनता के आशीर्वाद से बनी है l
झीरम घाटी के शहीदों को सादर नमन
शहीदों की चिताओं पर, लगेंगे हर बरस मेले ll
वतन पर मरने वालों का, यही अंतिम निशा होगा ll
शहादत_दिवस पर पूण्य आत्माओं को अश्रुपूरित श्रद्धाजंलि, शत शत नमन, सादर नमन, वंदन, अमर शहीदों का बलिदान, उनकी स्मृतियां सदैव प्रदेश वासियो के मानस पटल पर बनी रहेंगी।