रायपुर. कोरोना वायरस के अफवाह के बाद पिछले कुछ समय से बाजार में चिकन व्यापारियों की हालत पस्त है। लेकिन मुनगा व्यवसायियों की स्थिति मस्त है। 120 रूपयेे किलो के भाव से बिकने वाला मुर्गा अब 60 रुपए में मिल रहा है। वहीं बाजार में मुनगा का दाम आसमान छू रहा है।
चीन से कोरोना वायरस की आंच का असर राजधानी रायपुर, दुर्ग, भिलाई सहित प्रदेश के सभी शहरों में देखने को मिल रहा है। बाजार में मुर्गे की मांग कम हो गयी है। जिसके चलते दाम घटकर 50-60 रूपए हो गया है। लोगों ने चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के डर से मुर्गा खरीदना बन्द कर दिया है।
इन दिनों सब्जी बाजार में मुनगा की मांग अचानक बढ़ गयी है। लोगों ने बताया कि इसकी मुख्य वजह कोरोना वायरस को जाता है। लोगों ने सोशल मीडिया में पढ़ लिया है कि चिकन सेवन करने वाले कोरोना वायरस का शिकार हो सकते हैं। लोगों ने एक वीडियो भी देखा कि चीन के लोग कोरोना वायरस से बचने जिन्दा मुर्गा को जमीन में दफना रहे है। इसका असर भारत समेत छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है। चिकन पसंद लोगों ने कोरोना से बचने मुर्गा से दूरी बना लिया है। चिकन शौकीनों ने मुर्गा का विकल्प मुनगा में तलाश लिया है। जिसके चलते बॉयलर फार्म हाउस में मुर्गों की बिक्री कम हो गयी है। वहीं सब्जी बाजार में मुनगे की खपत बढ़ गयी है। मुर्गा व्यवसायियों ने बताया कि मुर्गों की बिक्री नहीं होने से रोलिंग में बहुत ज्यादा फर्क पड़ा है। कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो गया है। बिजली बिल का भुगतान भी भारी पड रहा है। जबकि हेल्थ मिनिस्ट्री ने पत्र जारी कर बताया है चिकन खाने से किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं फैल रही है।
चिकन व्यापारियों ने यह भी बताया कि हर साल होली के आस पास मुर्गा का दाम 120-140 रूपए हो जाता था। लेकिन इस बार धंधा बहुत मंदा है। 140 रूपए की जगह हम 50-60 रूपए में मुर्गा बेच रहे है। उसके बाद भी मुर्गा का ग्राहक भी नहीं मिल रहा है।
इधर मुनगा व्यवसायियों में जमकर खुशी है। बाजार में मुनगा 120 से 130 रुपये किलो बिक रहा है। मुनगा के खेती करने वाले किसान मांग की पूर्ति नही कर पा रहे है।