कोविड-19 महामारी से अनाथ बालकों अथवा जिनके माता-पिता कोविड संक्रमण में हैं, ऐसे बालकों के संरक्षण व सुरक्षा हेतु खुला आश्रय गृह, संरक्षण सेंटर घोषित


दुर्ग । कोविड-19 महामारी के फैलते प्रकोप को देखते हुए तथा संक्रमण के कारण अनाथ हुए 6 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चों अथवा ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता संक्रमण की चपेट में है उन्हें उचित संरक्षण सुरक्षा नहीं मिल पा रही है। ऐसे बालकों के संरक्षण व सुरक्षा हेतु कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम के तहत जिले में संचालित संस्था खुला आश्रय गृह, पदमनाभपुर को चिन्हित करते हुए इन बच्चों को हेतु संरक्षण सेंटर घोषित किया है। इस संरक्षण सेंटर में 6 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चे जो कोविड-19 के कारण अनाथ हो गए हैं अथवा जिनके ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता कोविड-19 से संक्रमित हैं तथा बच्चे को जिनके माता-पिता को भी कोविड -19 से संक्रमित हैं तथा बच्चों को उचित संरक्षण नहीं मिल पा रहा है। ऐसे बच्चों को बालक कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करते हुए नियमानुसार इस संस्था में संरक्षण व सुरक्षा प्रदान की जाएगी। संस्था द्वारा इन बच्चों को पूर्ण रूप से उचित देखरेख भरण पोषण व सुरक्षा प्रदान की जाएगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन द्वारा समस्त परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षकों/ अथवा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को ऐसे अनाथ बच्चों की जानकारी तत्काल जिला कार्यालय, जिला संरक्षण इकाई को प्रदान प्रदान करने निर्देशित किया है। साथ ही अपील की गई है कि जिले में इस प्रकार के बालकों की जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल कार्यालय जिला बाल संरक्षण इकाई दूरभाष नंबर 0788-2323704 अथवा श्रीमती श्रेष्ठा शुक्ला अध्यक्ष बाल कल्याण समिति दूरभाष नंबर 9926916180 तथा चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 में जानकारी प्रदाय की जा सकती है।

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