छत्तीसगढ़ सरकार से पत्रकारों को कोरोना योद्धा कल्याण योजना में शामिल करने की मांग… प्रीतम सिन्हा

  • पत्रकार साथी आज विषय परिस्थितियों में जान जोखिम डाल कर अपनी भूमिका निभा रहे हैं….

लोकेश्वर सिन्हा

गरियाबंद । छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी से प्रीतम सिन्हा छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश कार्यकरिणी सदस्य सूचना का अधिकार प्रकोष्ठ ने मांग की है कि अन्य राज्यों मध्यप्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु और बिहार की तरह पत्रकारों को कोरोना योद्धा मान कर सुविधा उपलब्ध कराने चाहिए। कोरोना काल में प्रदेश के मीडिया के पत्रकार साथी गैर अधिमान्य पत्रकार वर्षों से पत्रकारिता कर रहा है लेकिन उनकी अधिमान्यता नहीं हो पाई जिनके रिकॉर्ड जनसंपर्क कार्यालय में मौजूद है व प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के द्वारा पहचान पत्र बना रखे हैं, साथ ही प्रेस से अधिकृत लेटर भी दे रखा है ऐसे पत्रकार सतत अपनी जान जोखिम में डालकर जनता एवं सरकार को धरातल की स्थितियों से अवगत करा रहे हैं। कार्यों के दौरान मीडिया के पत्रकार साथी कोविड से संक्रमित होकर अपनी जान भी गंवा चुके हैं, पत्रकारों की ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए शासकीय कर्मियों के साथ-साथ अधिमान्य व गैर अधिमान्य पत्रकारों को भी आर्थिक रूप से सुरक्षा कवच दिया जाए और पत्रकारों को कोरोना योद्धा कल्याण योजना में शामिल किया जाए की मांग का अनुरोध किया गया। वही प्रीतम सिन्हा ने मांग की है कि संपूर्ण छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के संक्रमण काल के चलते पत्रकार साथी पुण्य ईमानदारी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रिंट मीडिया अपनी कलम के माध्यम से प्रदेश सरकार के साथ में कंधे से कंधा मिलाकर इसका मुकाबला कर इसे खत्म करने में अपना संपूर्ण योगदान प्रदान कर रहा है इस लड़ाई में पत्रकार साथी स्वयं भी व उनके परिवार के सदस्य भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। प्रदेश में कार्यरत पत्रकार साथियों की कोरोना योद्धा मानकर पत्रकार एवं उनके परिजनों के लिए उचित चिकित्सा एवं आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवाने के लिए सेल का गठन किया जाए जनसंपर्क विभाग से गैर अधिमान्य पत्रकारों के पहचान पत्र भी प्रदेश में बनाई जाए तथा प्रदेश में प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी के रूप में जिले के पी आर ओ नियुक्त कर कोरोना के इस दौर में प्रदेश में तमाम अधिमान्य वा गैर अधिमान्य पत्रकार की मृत्यु होती है तो उनको कोरोना योद्धा मानकर प्रदेश सरकार अन्य राज्यों मध्यप्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु और बिहार की तरह पत्रकारों को कोरोना योद्धा मानकर उनके परिजनों को उचित सहायता राशि प्रदान करने की मांग की गई।

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