कोरोना में निमोनिया एवं टाइफाईड का गठबंधन ले रहा है लोगों की जान.. मरीज
उतई-–-जिनको भी कोरोना पॉजिटिव आता है। उनकी टाइफाईड , निमोनिया जाँच भी अनिवार्य की जाय जिससे उन्हें सहीं उपचार मिल सके। क्योंकि हालिया जाँच से पता चला है कि 100 कॅरोना पॉजिटिव में से 80% लोगो को टाइफाईड, निमोनिया भी है। दोनों एक साथ चल रहे हैं। किन्तु उन्हें कॅरोना का ट्रीटमेंट देकर आइसोलेट किया जा रहा है तथा कॅरोना की ही मेडिसिन चलाई जा रही है।जिससे उन्हें टायफाइड और निमोनिया का उपचार नही मिल रहा है और यही बढ़कर साँस लेने में दिक्कत पैदा कर रहा है।जो बढ़कर आक्सीजन लेबल कम कर रहा है और यही कॅरोना पीड़ितों की मौत का कारण बन रहा है।उक्त बातें डॉक्टर से चर्चा कर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के दुर्ग जिला ग्रामीण जिला अध्यक्ष सतीश पारख ने व्यक्त करते हुए मानवीय अपील किया है कि।उन्होंने आम जन जिनकी कॅरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं। ऐसे प्रभावितों को टाइफाईड व निमोनिया जाँच ज़रूर कराने की सलाह दी है।ताकि उनकी भी कॅरोना संग दवाई चला कर उनका जीवन बचाया जा सके। जानकारी के अभाव के कारण घटना ज्यादा हो रही हैं। हॉस्पिटलों में सिर्फ करोना की दवाई दिया जा रहा है l लोग सोचते हैं कोरोना है होम आइसोलेशन हो जाते हैं संपर्क लोगों से टूट जाता है।
उधर शरीर मे निमोनिया या टाइफाईड बढ़ कर नुक़सान करता चला जाता है। फेफड़ा को प्रभावित करता है, मामला खराब हो जाता है और सब समझते हैं कि कोरोना से ही हुआ है। इसलिए समझदारी से काम लें। सबको बताएं। सभी अपना और परिवार का ख्याल रखें ।
सबसे जरूरी है सिटी स्कैन (hrct) जरूर करा लेना चाहिए, जिससे प्रभावित हुए फेफड़ों, अन्य अंग मैं इंफेक्शन का प्रतिशत , स्कोर पता चल सके ताकि कोई भी डॉक्टर रिपोर्ट देखकर उस हिसाब से ट्रीटमेंट कर सके दवाई दे सके l
इससे स्वास्थ्य में सुधार का पूरा चांस रहेगा l
वरना मरीज की हालत गंभीर होने पर एचआर सीटी स्कैन भी नहीं हो पाता इसके चलते अंदाजन, अनुमान लगाकर डॉक्टरों को इलाज करना पड़ता है और खामियाजा पीड़ितों को अपनी जान देकर भुगतना पड़ रहा है।
पारख ने प्रभावितों व उनके करीबीयों से आग्रह किया है कि इस और ध्यान दें परिवार जन की जान बचाएँ सुरक्षित रखें आप भी सुरक्षित रहें।