प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत कोरोना योद्धाओं के मृत्यु पर परिवार को अब नहीं मिलेगा 50 लाख का बीमा कवर !


भिलाई—केंद्र सरकार ने कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स का 50 लाख इंश्योरेंस कवर योजना को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। इस योजना के तहत हेल्थ वर्कर्स की मौत होने पर परिजनों को 50 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता था।
इसका उद्देश्य कोरोना हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा मुहैया कराना था।जिससे कोरोना वॉरियर्स की मौत होने पर उनके परिवार की देखभाल हो सके।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी,संगठन मंत्री कुबेर राम देशमुख,दुर्ग संभाग अध्यक्ष डॉ बी के दास,महामंत्री देशबन्धु शर्मा, जिला अध्यक्ष देवेन्द्र बंछोर एवं महामंत्री के के धुरंधर ने बताया कि केंद्र सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है जब देश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। जिसके कहर का सामना देश कर रहा है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने राज्यों को भेजे सर्कुलर में कहा है कि यह योजना 24 मार्च 21 को खत्म हो जाएगी।इसके तहत 287 दावों का निपटारा किया गया था। इस योजना के तहत करीब 22 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष बीमा कवर उपलब्ध कराया गया था।उल्लेखनीय है कि इस योजना में केंद्र और राज्य सरकारों के तहत आने वाले अस्पतालों में काम करने वाले चिकित्सकों,नर्सों,चिकित्सा सहायकों,साफ-सफाई कर्मियों तथा कुछ अन्य लोगों शामिल किया गया था।इस योजना का घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सफाई कर्मियों,वार्ड ब्वॉयज, नर्सों,आशा कर्मियों,सहायकों, चिकित्सकों तथा विशेषज्ञों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को योजनांतर्गत विशेष बीमा सुविधा का लाभ मिलेगा। प्राइवेट सेक्टर के हेल्थ वर्कर्स को भी इस योजना में शामिल किया गया था।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को लिखे अपने पत्र में उल्लेख किया है कि यह योजना काफी कारगर रही है। योजना से कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले हेल्थ वर्कर्स के परिवारों को काफी राहत दी गई है। यह योजना 24 मार्च 21 तक थी।उन्होंने लिखा कि 24 मार्च की आधी रात तक के सभी क्लैम इस योजना के तहत स्वीकार्य होंगे और सभी मान्य दावों को सौंपने के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल 26 मार्च 20 को इस योजना की घोषणा की थी।पहले इसकी अवधि 90 दिन थी जिसे बाद में बढ़ाकर एक साल कर दिया गया था। केंद्र सरकार ने इस योजना को 1.7 लाख करोड़ रुपयों का कोविद-19 राहत पैकेज के अंतर्गत गत वर्ष घोषित किया था।
फेडरेशन के कहना है कि योजना को बंद करने का फैसला दुखद है।जोकि,भारत सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है। सरकार ने यह फैसला ऐसे समय किया है जब हेल्थकेयर वर्कर्स कम संसाधनों में लोगों की जान बचाने में जुटे हैं। इस दौरान उन्हें कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है।भारत में कोरोना संक्रमण के मामले हर दिन रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहे योद्धआों के लिए फैसला निराशाजनक है।गरीब कल्याण पैकेज के तहत हेल्थकेयर वर्कर्स के परिजन 24 अप्रैल 21 तक ही पुरानी बीमा कंपनी से दावे का निबटारा कर सकेंगे।

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